IAS अधिकारी के बेटे के फर्जी प्रमाण पत्र पर गरमाई सियासत, BJP ने हेमंत सरकार से पूछे चार बड़े सवाल

Friday, Jan 24, 2025-10:27 AM (IST)

रांची: रांची नगर निगम में एक आईएएस अधिकारी के बेटे के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले ने तूल पकड़ लिया है और शांत होने का नाम नहीं ले रहा। इस मुद्दे को भाजपा ने जोर-शोर से उठाया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में इस पूरे मामले पर सरकार से चार महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं। 

प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने कहा कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि आईएएस अधिकारी राजीव रंजन के बेटे के एक जन्म प्रमाण पत्र को वैध माना गया है, जबकि अन्य को निरस्त कर दिया गया है। इस पर पहला सवाल यह है कि रांची नगर निगम ने तीन में से किस प्रमाण पत्र को वैध ठहराया और किन्हें रद्द किया? साथ ही, यह निर्णय किस आधार पर लिया गया कि कौन सा प्रमाण पत्र असली है और कौन सा फर्जी? दूसरा सवाल यह उठता है कि जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते समय एक शपथ पत्र देना अनिवार्य होता है। यदि फर्जी शपथ पत्र दिया गया था, तो क्या नगर निगम ने संबंधित आईएएस अधिकारी के खिलाफ फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया है? 

प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने कहा कि तीसरा सवाल यह है कि नगर निगम के उस अधिकारी पर क्या कारर्वाई की गई जिसने तीन अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र जारी किए और उन्हें सत्यापित किया? चौथा और अंतिम सवाल यह है कि जिस ऊंचे पद पर संबंधित आईएएस अधिकारी वर्तमान में कार्यरत हैं, उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर कौन सी अनुशासनात्मक कारर्वाई की गई है? क्या ऐसे अधिकारी के भरोसे झारखंड का पूरा वित्त विभाग चलाया जाएगा? 

साह ने कहा कि झारखंड में कानून के राज'' का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है। आम जनता और बड़े अधिकारियों के लिए अलग-अलग कानून लागू किए जा रहे हैं। यदि ऐसा फर्जीवाड़ा किसी सामान्य व्यक्ति ने किया होता, तो नगर निगम उसके खिलाफ सख्त कारर्वाई करता। लेकिन चूंकि यह मामला एक बड़े अधिकारी से जुड़ा है, इसलिए निगम का रवैया नरम दिखाई दे रहा है। उन्होंने इस पूरे मामले को गंभीरता से जांचने और दोषियों के खिलाफ सख्त कारर्वाई की मांग की है।

साह ने एसएससी सीजीएल परीक्षा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एक बड़ा धोखा और फर्जीवाड़ा है। उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि यदि किसी भाजपा नेता की इसमें संलिप्तता है, तो ठोस सबूत पेश किए जाएं, न कि मनगढ़ंत आरोप लगाए जाएं। साथ ही, उन्होंने कहा कि यदि जेएमएम के अनुसार छात्रों के साथ खड़े होना उन्हें गुमराह करना माना जाता है, तो भाजपा इस तरह का गुमराह अगले पांच साल तक करती रहेगी। 


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Harman

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