रांची के 1771 स्कूलों में पोषण बागान! बच्चों को मिलेगा ताज़ा और पौष्टिक खाना

Saturday, Sep 06, 2025-01:48 PM (IST)

Jharkhand News: झारखंड की राजधानी रांची में बेहतर स्वास्थ्य और पर्यावरण जागरूकता फैलाने के लिए जिले के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में सुपोषण परियोजना के तहत पोषण बागान शुरू किए गए हैं। इस पहल का मकसद स्कूलों में ताजा और बिना कीटनाशक वाली सब्जियां उगाकर बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना और उन्हें खेती व सतत जीवन के बारे में प्रत्यक्ष अनुभव देना है। 

यह प्रोजेक्ट सिर्फ बच्चों को ताजी सब्जियां देने तक सीमित नहीं है, बल्कि कुपोषण की लड़ाई को एक नया आयाम दे रहा है और अन्य राज्यों के लिए भी एक नई राह दिखा सकता है। अभी तक 2,128 में से 1,771 स्कूलों में किचन गाडर्न तैयार हो चुके हैं जबकि दिसंबर 2025 तक जिले के सभी 2128 सरकारी स्कूलों में यह योजना पूरी तरह से लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। इन बागानों में पालक, मेथी, सहजन, पपीता और मौसमी सब्जियां जैसे टमाटर, गाजर, भिंडी उगाई जाएंगी, जो बालकों में कुपोषण और एनीमिया जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करेंगी। 

अधिकारियों ने बताया कि ये बागान जीवित कक्षाएं साबित हो रही हैं, जहां बच्चे पौधा लगाना, कंपोस्ट बनाना और प्राकृतिक उर्वरक तैयार करना सीखेंगे। सीमित जगह वाले स्कूल वटिर्कल गार्डनिंग और ग्रो बैग जैसी तकनीकों को अपनाएंगे। साथ ही, यहां जैविक कचरे का पुनर्चक्रण भी होगा। शिक्षा अधीक्षक बादल राज ने आज कहा कि परियोजना से सामुदायिक सहभागिता भी बढ़ेगी, अतिरिक्त सब्जियां स्थानीय रूप से साझा की जाएंगी जिससे आत्मनिर्भरता और अभिभावक-विद्यालय संबंध मजबूत होंगे।' 

उन्होंने यह भी बताया कि सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे। सरकारी मध्य विद्यालय, ऑरमांझी के प्रिंसिपल नसीम अहमद ने कहा, 'यह पहल स्कूलों को स्वास्थ्य, शिक्षा और सततता के केंद्र में बदल रही है, जो न केवल बच्चों को बल्कि पूरे समुदाय के लिए हरित और स्वस्थ भविष्य का निर्माण कर रही है।'सुपोषण परियोजना से बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के साथ-साथ उनमें अनुशासन, सहयोग और प्रकृति के प्रति सम्मान भी बढ़ेगा।


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Content Editor

Harman

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