Maha Kumbh: महाकुंभ से 520 KM पैदल चलकर लौटीं जमशेदपुर...पैरों में भी पड़ गए छाले, जत्थे से बिछडी महिला ने घर पहुंचकर सुनाई दास्तां
Thursday, Feb 06, 2025-06:54 PM (IST)
Maha Kumbh 2025: झारखंड के जमशेदपुर से चौंका देने वाला मामला सामने आया है जहां 70 वर्षीय महिला ने प्रयागराज (Maha Kumbh) से जमशेदपुर तक 520 किमी की पैदल यात्रा की। महिला के ऐसे करने पर हर कोई हैरान है।
महाकुंभ से पैदल जमशेदपुर पहुंची कांति देवी
बताया जा रहा है कि जमशेदपुर के छायानगर में रहने वाली 70 वर्षीय कांति देवी 24 जनवरी को महाकुंभ (Maha Kumbh) में डुबकी लगाने आसपास के 35 लोगों के जत्थे में शामिल होकर प्रयागराज गयी थी। कांति देवी ने 25 जनवरी को संगम में डुबकी लगायी जिसके बाद लौटने के क्रम में प्रयागराज स्टेशन पर गंगाजल छूट गया। जिसे लेने के लिए कांति देवी ट्रेन से उतर गयी। इस दौरान ट्रेन चल पड़ी और कांति देवी जत्थे से बिछड़ गयी। परिजनों ने कांति देवी की काफी खोजबीन की। पुरी से लेकर प्रयागराज तक भी कांति देवी को ढूंढा। आधे लोग गाड़ी बुक करके प्रयागराज गए। हर जगह उनकी फोटो भी लगवाई गई, लेकिन इस दौरान कांति देवी का कुछ पता नहीं चल पाया। वहीं 10 दिन बाद कांति देवी पैदल चल कर प्रयागराज से जमशेदपुर अपने घर पहुंची है। पैदल चलने से कांति देवी के पैर में छाले भी पड़ गए हैं।
कांति देवी के पास बस कुंभ स्नान के बाद लिया गया पवित्र गंगाजल था
कांति देवी ने बताया कि जत्थे से बिछड़ जाने बाद उन्होंने किसी से मदद नहीं मांगी, क्योंकि अंजान शहर में वे डर गयी थी और किसी और किसी पर भरोसा नहीं था। वहीं, उनके पास न पैसा थे, न खाना, न ही कोई संपर्क का साधन। उनके पास बस कुंभ स्नान (Maha Kumbh) के बाद लिया गया पवित्र गंगाजल था। तभी उन्होंने एक साहसी निर्णय लिया और तय किया कि अब वह पैदल ही जमशेदपुर अपने परिवार के पास लौट जायेगी। इसके बाद उन्होंने पूरे 10 दिन में 520 किमी की दूरी तय की। अपने दृढ़ संकल्प और महादेव की कृपा से वह आगे बढ़ती रहीं। कांति देवी छाया नगर में अपनी बेटी, नतनी और नाती के साथ रहती हैं। परिवार का भरण-पोषण करने के लिए कैटरिंग का काम भी करती हैं। कांति देवी का दावा है कि बीते दस दिनों में उन्होंने न कुछ खाया और न वे सोईं। बस पानी पीते हुए चलती रहीं। बिना किसी साधन के लगातार 10 दिन तक चलते हुए उन्होंने 520 किलोमीटर की दूरी तय की।