झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र कल से शुरु, स्पीकर आज करेंगे सर्वदलीय बैठक; सियासी मुकाबला जबरदस्त होने के आसार

Thursday, Dec 04, 2025-10:09 AM (IST)

Jharkhand Assembly Session: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से शुरू होकर 11 दिसंबर तक चलेगा। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार की मंजूरी के बाद विधानसभा सचिवालय ने जारी औपबंधिक कार्यक्रम के अनुसार कुल पांच कार्यदिवस निर्धारित किए गए हैं। सत्र शुरू होने से ठीक पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी रणनीतिक बैठकों से राजनीतिक माहौल गर्मा दिया है।       

8 दिसंबर को हेमंत सरकार करेगी दूसरा अनुपूरक बजट पेश 

सत्र के सुचारू संचालन को लेकर विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने चार दिसंबर यानी आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उन्होंने अधिकारियों के साथ प्रशासनिक तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा भी की। अध्यक्ष की प्राथमिकता है कि सदन में जनहित के अधिकतम मुद्दों पर सार्थक बहस हो। चार दिनों तक प्रश्नकाल चलेगा, जिसमें विधायक क्षेत्रीय समस्याओं पर सरकार से सवाल करेंगे। 5 दिसंबर को सत्र की शुरुआत में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथग्रहण, अध्यादेशों की प्रतियां पटल पर रखना और शोक प्रस्ताव शामिल हैं। इस सत्र की प्रमुख घटना 8 दिसंबर को हेमंत सोरेन सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट पेश करना है। 

बाबूलाल मरांडी ने 7 दिसंबर को बुलाई विधायकों की बैठक           

विपक्ष, खासकर भाजपा, इसे घेरने का सुनहरा मौका मान रहा है। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने 7 दिसंबर को विधायकों की बैठक बुलाई है, जहां अवैध कोयला उत्खनन, कानून-व्यवस्था विफलता और भ्रष्टाचार के आरोपों पर सरकार को कड़ी चुनौती देने की रणनीति बनेगी। भाजपा सरकार के एक साल पूरे होने पर जारी आरोप-पत्र के आधार पर बजट बहस में वित्तीय दावों पर सवाल खड़े करेगी। सत्र की छोटी अवधि पर भी भाजपा ने सरकार को निशाना साधा है। सत्ता पक्ष भी पूरी मुस्तैदी से तैयार है। कांग्रेस ने 4 दिसंबर दोपहर ढाई बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें प्रभारी के. राजू, नेता प्रतिपक्ष प्रदीप यादव, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश सहित सभी विधायक शामिल होंगे। बैठक विपक्षी रणनीति का जवाब, विभागीय तैयारियों का आकलन और गठबंधन में एकजुटता पर केंद्रित होगी।               

वहीं शाम साढ़े चार बजे एटीआई सभागार में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सत्ता पक्ष की संयुक्त बैठक होगी। यहां गठबंधन समन्वय मजबूत करना, प्रश्नकाल में तत्पर जवाब और विधेयकों को बिना रुकावट पारित कराने पर निर्देश दिए जाएंगे। झामुमो महासचिव विनोद पांडेय के अनुसार, मुख्यमंत्री की प्राथमिकता गठबंधन की एकजुटता और विपक्ष को कोई मौका न देना है, जैसा मानसून सत्र में देखा गया। 


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Harman

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