"हेमंत सरकार नरसंहार कर रही है", कांस्टेबल भर्ती के दौरान युवकों की मौत पर अमर बाउरी का गंभीर आरोप

Monday, Sep 02, 2024-05:03 PM (IST)

रांची: झारखंड में आबकारी कांस्टेबल की भर्ती के लिए जारी शारीरिक परीक्षा के दौरान 11 अभ्यर्थियों की मौत के बाद विपक्ष लगातार हेमंत सरकार पर हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने इस मामले को लेकर हेमंत सरकार पर नरसंहार करने का गंभीर आरोप लगाया है।

नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि यह सरकार नौकरी नहीं बांट रही, नरसंहार कर रही है। किसी एक प्रक्रिया के तहत इतनी मौतें होना नरसंहार से कम नहीं है। सरकार को इसका जवाब देना पड़ेगा। अमर बाउरी ने कहा कि जिस तरह उत्पाद सिपाही बहाली प्रक्रिया में एक के बाद एक मौतें हो रही हैं, यह सरकार की लापरवाही का नतीजा है। यह हत्या का मामला है। इस तरह से गरीब, असहाय, जरूरतमंद युवाओं की हत्या का पाप सरकार कैसे छुपाती है, यह देखना है। उन्होंने कहा कि भाजपा पूरी घटना की घोर निंदा करती है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सारी प्रक्रिया जिस आपाधापी में शुरू हुई, उससे साफ है कि सभी चीजें वोट बैंक के लिए की गई। यह राजनीतिक खेल है। इसके जरिए वर्तमान सरकार वोट हासिल करना चाहती है। अमर बाउरी ने कहा कि सरकार कह रही है कि युवा ड्रग्स लेकर दौड़ रहे थे इसलिए उनकी मौत हुई। अगर ऐसा है, तो सरकार इस पर कार्रवाई क्यों नहीं करती। इसे रोका क्यों नहीं। बाउरी ने कहा कि नौकरी की आस में जान की बाजी लगाकर दौड़ रहे गरीब, असहाय युवाओं को ड्रग्स लेने वाला बताना शर्मनाक है। 

बता दें कि उत्पाद सिपाही की शारीरिक दक्षता परीक्षा में अब तक 11 युवकों की मौत हो चुकी है। गिरिडीह के पिंटू कुमार रजक की मौत हो चुकी है। वह जादूगोड़ा स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में दक्षता परीक्षा के तहत हुई दौड़ में शामिल हुआ था। इसके अलावा गया के अमरेश कुमार, लखीसराय के सर्वेश यादव, ओरमांझी के अजय कुमार महतो, गोड्डा के प्रदीप कुमार, गया के अभिषेक कुमार, धनबाद के सुमित कुमार, रामगढ़ के महेश मेहता और गिरिडीह के सूरज वर्मा का नाम शामिल है। मरने वालों में एक अन्य युवक हजारीबाग स्थित पद्मा के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित दौड़ में हिस्सा ले रहा था। वहीं, मृतकों के परिजन मामले में सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि जिन सेंटरों में शारीरिक दक्षता परीक्षा ली जा रही है वहां चिकित्सा सुविधा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं। कड़ी धूप में घंटों युवकों को दौड़ाया जा रहा है।
 


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Khushi

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