क्या खतरे में झारखंड सरकार! हेमंत सोरेन के खिलाफ पत्थर खनन लीज मामले में EC ने फैसला रखा सुरक्षित

8/19/2022 6:23:02 PM

 

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ पत्थर खनन लीज मामले में भारत निर्वाचन आयोग में सुनवाई और बहस की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। चुनाव आयोग ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है। सभी दलों को ईसी के फैसले का इंतजार है। वहीं अगर चुनाव आयोग के द्वारा हेमंत सोरेन को अयोग्य घोषित किया जाता है तो झारखंड सरकार संकट में फंस सकती है लेकिन इसकी पूरी प्रक्रिया होती है। आईए एक नजर डालते हैं इस प्रक्रिया पर

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की माइनिंग लीज मामले में संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के अनुसार, ऑफिस ऑफ प्रोफिट की 3 कंडीशन होते हैं।
पहला- कोई पद होना चाहिए
दूसरा- इसके तहत कोई लाभ होना चाहिए
तीसरा- यह सरकार के अधीन होना चाहिए। अगर यह है, तो वह ऑफिस ऑफ प्रॉफिट होगा। हालांकि, यह मामला चुनाव आयोग व झारखंड हाइकोर्ट में विचाराधीन है।

वहीं सुभाष कश्यप के अनुसार, यदि कोई सदस्य ऑफिस ऑफ प्रॉफिट करता है, तो वह सदस्यता से अयोग्य घोषित हो सकता है। जहां तक हेमंत सोरेन द्वारा अपने नाम से माइनिंग लीज लेने का मामला है, तो यह देखना होगा कि लीज से किसको लाभ हो रहा है। लाभ लिया गया है या नहीं। बिना दस्तावेज देखे, स्पष्ट रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता है।

बता दें कि चुनाव आयोग किसी सदस्य को सीधे अयोग्य घोषित नहीं कर सकता है। नियम है कि राज्यपाल चुनाव आयोग को भेजते हैं। आयोग जांच कर सुप्रीम कोर्ट को ओपिनियन के लिए भेजेगा। सुप्रीम कोर्ट का ओपिनियन मिलने पर आयोग उसे राज्यपाल के पास भेजेगा।
 


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Nitika

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