"बांग्लादेशी घुसपैठियों व बिहार से आए लोगों की तुलना करना ओछी राजनीति", कांग्रेस विधायक के बयान पर शाहदेव का पलटवार

Sunday, Jul 28, 2024-02:39 PM (IST)

रांची: कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा के बयान के बाद झारखंड सियासत तेज हो गई है। बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की के वार पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों और बिहार से आए लोगों की तुलना करना ओछी राजनीति है। प्रतुल ने कांग्रेस की विधायक शिल्पी नेता तिर्की के इस बयान पर राहुल गांधी और राजेश ठाकुर से माफी मांगने की मांग की।

"BJP माटी, रोटी और बेटी को बचाने की लड़ाई लड़ती रहेगी"
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि कांग्रेस का मुस्लिम तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति करने का इतिहास है। संथाल में आदिवासियों की आबादी घटी, मुसलमानों की आबादी बढ़ी, कांग्रेस चुप है। उन्होंने कहा कि बीजेपी माटी, रोटी और बेटी को बचाने की लड़ाई लड़ती रहेगी और घुसपैठियों के खिलाफ आवाज बुलंद करती रहेगी।प्रतुल ने आगे कहा कि कांग्रेस का मुस्लिम वोटो के तुष्टिकरण और वोट बैंक के राजनीति करने का पुराना इतिहास ही रहा है। संथाल में आदिवासियों की आबादी 16% घट गई और मुसलमानों की आबादी 13% बढ़ गई है। मुस्लिम घुसपैठ पर प्रश्न होते ही कांग्रेस की खीज दिखने लगती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी राज्य में सत्ता में आने के बाद इनको बाहर का रास्ता दिखाएगी।

बता दें कि शिल्पी नेहा तिर्की झारखंड में मांडर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की एक विधायक हैं। अभी यह चर्चा में हैं क्योंकि इन्होंने झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे के संसद में उठाये गए बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया में बिहार के लोगों को घसीट लिया है। इन्होंने एक तरह से बांग्लादेशी घुसपैठियों और बिहार के लोगों को एक नजर से देखते हुए विवादित बयान दे दिया है जिसके बाद बिहार और झारखंड की राजनीति में बवाल मचा हुआ है और इनसे माफी मांगने को कहा जा रहा है। एक पत्रकार के इस सवाल पर कि भाजपा घुसपैठियों का मुद्दा उठा रही है, शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि डेमोग्राफी चेंज की बात करते हैं, लेकिन इनको रांची से इसकी शुरुआत करनी चाहिए। रांची में जो डेमोग्राफी चेंज हुआ है यहां के मूल आदिवासियों को कालीन में धूल जैसे समेट कर कालीन के नीचे दे दिया है। आदिवासियों और मूल निवासियों को स्लम में धकेल कर रख दिया है। डेमोग्राफी चेंज की बात यहां क्यों नहीं करते हैं।




 


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Khushi

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