CM हेमंत ने जमशेदपुर में 555 करोड़ 83 लाख की योजनाओं का किया शिलान्यास और उद्घाटन

Tuesday, Sep 10, 2024-05:15 PM (IST)

जमशेदपुर: जमशेदपुर में आज यानी मंगलवार को आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सीएम हेमंत ने 555 करोड़ 83 लाख 80 हजार की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।

"हमें भी लगा दिया कोरोना टीका, पता नहीं कब मर जाएं"
इस योजनाओं में पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर 303 करोड़ 54 लाख 84 हजार की योजनाएं और पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा से 252 28 लाख 96 हजार की योजनाएं शामिल है। इस दौरान सीएम हेमंत ने कहा कि आपके लिए पंचायतों में टोला में शिविर लग रहा है। जहां सड़क है, जहां नहीं है वहां भी लोग बैलगाड़ी से, साइकिल से जाकर आपकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। सीएम हेमंत ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना में क्या उल्टा सीधा दवा लगवा दिया। पूरा देश दुनिया में उस पर रोक लगा दिया गया था, लेकिन चंदा लेने के लिए पूरा देश में फर्जी दवा सप्लाई किया गया। हम लोगों को भी लगा दिया पता नहीं कब मर जाएं। लोग चलते फिरते मर जा रहा है। पता चलता है कि टीका का असर पड़ता है। ये लोग सत्ता में आने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। सीएम हेमंत ने कहा कि आने वाले पांच सालों मे हर घर में 1-1 लाख जाएगा। आने वाला पांच साल के अंदर हम आपको इतना मजबूत करेंगे कि आपको किसी से उधार नहीं लेना पड़ेगा।

"चील-कौए की तरह मंडरा रहे नेता"
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव माहौल आने वाला है। चील कौआ की तरह नेता लोग मंडराने लगा है। अभी इनका गुरु आने वाला है। उनके स्वागत की तैयारी हो रही है। कहां से भीड़ जुटाए, कहां से स्वागत करे। उड़ीसा से लोगों को लाए कि छत्तीसगढ़ से लाए और अपना पीठ थपथपाएं। ये लोग इतना बड़ा जादूगर है कि नोट छापने वाला मशीन घर पर रख लिया है। नोट के बदौलत सोचता है कि पूरा देश में कब्जा कर लेंगे। सीएम हेमंत ने कहा कि हम लोग जब से सरकार बनाए उसके दूसरे दिन से विपक्ष हमारी सरकार गिराने में लग गये। उन लोग को नहीं अच्छा लगता है कि हम बूढ़ा लोग को बुढ़ापे का सहारा दें। उनको नहीं अच्छा लगता है कि महिलाएं सशक्तिकरण की ओर आगे बढें। उनको नहीं अच्छा लगता है कि हमारी बेटियां अच्छे से पढ़ाई करे। वो नहीं चाहते हैं कि हमारा राज्य समृद्ध हो। यही वजह है कि सालों से दिल्ली में देश का किसान भारतीय जनता पार्टी को घेर कर रखा। अनेक किसान शहीद हो गए। लेकिन किसानों का आंसू पोंछने के लिए नहीं गये। लोकसभा चुनाव में उनका घमंड चूर-चूर किया गया। और सरकार बनाने के लिए इनको बैसाखी का सहारा लेना पड़ा।
 


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Khushi

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