Baha Festival: CM हेमंत ने 'बाहा पर्व' पर पत्नी कल्पना संग की पूजा-अर्चना, कहा- आदिवासी समाज को सशक्त बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध

Sunday, Mar 09, 2025-12:18 PM (IST)

Baha Festival: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते शनिवार को बाहा पर्व के अवसर पर जमशेदपुर के कदमा स्थित शास्त्रीनगर के सरना पूजा स्थल जाहेरथान में पारंपरिक विधि-विधान से पूजा अर्चना की।

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"आदिवासी समाज को एकजुट होने की आवश्यकता"

इस दौरान सीएम हेमंत ने राज्यवासियों की सुख, समृद्धि, उन्नति और कल्याण की कामना की। सीएम हेमंत ने गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की। सीएम हेमंत के साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं। इस मौके पर सीएम हेमंत ने कहा कि आदिवासी समाज को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। वह आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ बहुआयामी दृष्टिकोण पर आधारित मजबूती प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि आज आदिवासी समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है क्योंकि आदिवासी सभ्यता और संस्कृति झारखंड की पहचान है और आदिवासी समाज ही प्रकृति के असली संरक्षक हैं।

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कैसे मनाया जाता है 'बाहा पर्व'

बाहा परब या बाहा बोंगा भारत के संताल जनजाति का एक पर्व है। 'बाहा' का अर्थ है फूल। इस पर्व के अवसर पर बच्चे, पुरुष और स्त्रियां सभी परम्परागत वस्त्र धारण करते है तथा मदाल बजाया जाता है। फाल्गुन माह आरम्भ होने से पहले बाहा पर्व मनाया जाता है। ग्राम के लोग बैठक कर सारे कार्यक्रम का निर्धारण करते हैं। उसके बाद जाहेरथान में अपने देवताओं (पूर्वजों) की पूजा-अर्चना की जाती है जिसमें खासकर साल और महुआ के फूलों को चढ़ाया जाता है। गांव के लोग भोग ग्रहण करके जब गांव वापस लौटते हैं तब उनके पैर धोकर उनका स्वागत किया जाता है। उसके बाद उत्सव मनाया जाता है। एक-दूसरे पर पानी डालकर खेलते है और संध्या के समय नाच-गाना करके परब मनाया जाता है।
 


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Khushi

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