‘बिहार राज्य की जलवायु अनुकूलन एवं न्यून कार्बन उत्‍सर्जन विकास रणनीति’ के तहत मुजफ्फरपुर में आयोजित की गई कार्यशाला

Wednesday, Aug 21, 2024-10:34 PM (IST)

मुजफ्फरपुर: बुधवार को मुजफ्फरपुर समाहरणालय में कार्बन न्यूट्रल राज्य बनाने की दिशा में 'बिहार राज्य की जलवायु अनुकूलन एवं न्यून कार्बन उत्सर्जन विकास रणनीति' के क्रियान्वयन संबंधित क्षमता विकास कार्यक्रम अंतर्गत प्रमंडलीय स्तर प्रसार कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुजफ्फरपुर के उप-विकास आयुक्त, आशुतोष द्विवेदी की अध्यक्षता में किया गया।

PunjabKesari

आशुतोष द्विवेदी ने  सभी विभागों के अधिकारियों से किया ये आग्रह
आशुतोष द्विवेदी ने अपने स्वागत उद्बोधन में सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि "विकास बनाम पर्यावरण" की धारणा से बचना चाहिए और सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रकार के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने जलवायु परिवर्तन  के विरुद्ध लड़ाई में "वैश्विक रूप से विचार करने और स्थानीय रूप से कार्य करने" का आह्वान किया। इस अवधारणा पर विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि "जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नीतियां राष्ट्रीय या वैश्विक स्तर पर विकसित की जा सकती हैं, लेकिन उनका क्रियान्वयन स्थानीय और व्यक्तिगत स्तर पर किया जाना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि "जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है, और इसके प्रतिकूल प्रभाव जैसे बदलते मौसम पैटर्न, वार्षिक बाढ़ और अत्यधिक तापमान में वृद्धि से स्पष्ट हैं। इन परिस्थितियों में बिहार के लिए यह और भी महत्वपूर्ण है कि विकास कार्य जलवायु अनुकूल हो। मैं इस कार्यशाला में उपस्थित सभी विभागों के अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि वे अपने अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं में जलवायु- अनुकूल पहलुओं को समाहित करें।

PunjabKesari

मनोज कुमार, अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन), मुजफ्फरपुर ने उद्घाटन उद्बोधन में कहा कि पिछले कुछ दशकों में बिहार ने विशेष रूप से बुनियादी ढांचा विकास और ऊर्जा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति देखी है, जिसके कारण विकास कार्यों को जलवायु-अनुकूल बनाना आवश्यक हो गया है। हम पहले से ही जल जीवन हरियाली जैसी योजनाओं को लागू कर रहे हैं ताकि सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके। बेतिया वन प्रमंडल पदाधिकारी अतिश कुमार ने जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने आगे कहा की पर्यावरणीय विचारों या हरित घटकों को सभी विकास परियोजनाओं में शामिल किया जाना चाहिए।

'यहां हरित आवरण 5% है...'
मुजफ्फरपुर वन प्रमंडल पदाधिकारी भरत चित पल्ली ने कहा कि खाद्य श्रृंखला में प्रमुख प्रजाति होने के नाते मनुष्यों की जिम्मेदारी है कि वे सभी जीवित प्राणियों के लिए एक सतत भविष्य सुनिश्चित करें। मुजफ्फरपुर प्रमंडल की स्थिति के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि यहां हरित आवरण 5% है, जिसे वनीकरण और शहरी वृक्षारोपण गतिविधियों के माध्यम से बढ़ाया जा रहा है। सीतामढ़ी वन प्रमंडल पदाधिकारी डॉ अमिता राज ने कहा कि पेड़ कार्बन को अवशोषित कर उसे संचित करते हैं। इसलिए, कार्बन उत्सर्जन में हो रही लगातार वृद्धि को देखते हुए, पेड़ों का संरक्षण और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इसके साथ ही, हमें अपने व्यक्तिगत कार्बन फुटप्रिंट के प्रति भी सचेत रहना चाहिए। मोतिहारी वन प्रमंडल पदाधिकारी राज कुमार शर्मा ने विकास कार्यों के दौरान वृक्षों की सुरक्षा के लिए अंतर-विभागीय समन्वय का उल्लेख किया। बेतिया नगर आयुक्त शंभू कुमार ने कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण को कम करने की रणनीति के रूप में अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण का उल्लेख किया।

PunjabKesari

कार्यशाला की विस्तृत जानकारी डब्लू.आर.आई. इंडिया के कार्यक्रम प्रबन्धक डॉ. शशिधर कुमार झा एवं मणि भूषण कुमार झा द्वारा दी गई। मणि भूषण ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य बिहार राज्य की जलवायु अनुकूलन एवं न्यून कार्बन उत्‍सर्जन विकास रणनीति का ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वयन के लिए स्थानीय हितधारकों को रणनीति के बारे में संवेदित करना, क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों और कठिनाइयों की पहचान करना तथा उनके समाधान के रास्तों पर विचार विमर्श करना है। डॉ शशिधर ने अपने सम्बोधन में जलवायु परिवर्तन अनुकूलन उपायों के बारे में बताते हुए फसल एवं कृषि प्रणाली में विविधता, सतही और भूजल का एकीकृत प्रबंधन, वन पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा, संरक्षण और पुनर्जनन, निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करना और आपदा के समय आजीविका की सुरक्षा और संवर्द्धन का उल्लेख किया। कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण एवं अन्य हितधारकों ने भी अपने विचार साझा किये। कार्यशाला के अंत में डॉ अर्चना कुमारी, वरीय उप – समाहर्ता, मुजफ्फरपुर ने सभी को धन्यवाद प्रेषित किया। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के क्षेत्रीय पदाधिकारी एस एन ठाकुर भी कार्यशाला में उपस्थित थे। अगली प्रमंडलीय स्तर कार्यशाला गुरूवार को छपरा में आयोजित की जाएगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Swati Sharma

Related News

static