फसलों की सुरक्षा और आय बढ़ाने के लिए सरकार की नई पहल, कीटनाशी विक्रेताओं का प्रशिक्षण शुरू

Thursday, Sep 11, 2025-07:47 PM (IST)

पटना:उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की फसलों को कीट-व्याधियों और खरपतवार से होने वाली क्षति से बचाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि कीट-व्याधि, खरपतवार और अन्य जैविक कारकों के कारण किसानों को प्रतिवर्ष लगभग 30 से 35 प्रतिशत तक की पैदावार की हानि उठानी पड़ती है। इस नुकसान को कम करने और किसानों को सुरक्षित कृषि पद्धतियों से जोड़ने के लिए पौधा संरक्षण परामर्श योजना चलाई जा रही है।

सिन्हा ने कहा कि इस योजना अंतर्गत राज्य के जिलो में कीटनाशी प्रतिष्ठानों के विक्रेताओं का प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक जिला में 25-25 विक्रेताओं का साल में दो बार प्रशिक्षण कराया जाना है। इस प्रशिक्षण से विक्रेताओं को नवीनतम वैज्ञानिक जानकारी और कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग की जानकारी मिलेगी, जिसे वे आगे किसानों तक पहुंचा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार के वनस्पति संग्रहण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय द्वारा समय-समय पर कीटनाशकों की सूची जारी की जाती है, जिसमें उपयोग योग्य और प्रतिबंधित कीटनाशकों का विवरण होता है। निदेशालय द्वारा अब तक 49 कीटनाशकों के निर्माण, आयात एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें प्रमुख रूप से कार्बारिल, डाईक्लोरोभॉस, फेनथियॉन, फॉसफॉमिडॉन और फोरेट शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 16 कीटनाशकों पर आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है, जिनमें एल्युमिनियम फॉसफाईड, कार्बाेफयूरॉन, क्लोरपाईरीफॉस, डाईमेथोएट, मालाथियान और मोनोक्रोटोफॉस इत्यादि शामिल हैं। इनका उपयोग कुछ विशेष फसलों पर पूरी तरह निषिद्ध है, जैसे कि क्लोरपाईरीफॉस का बेर, नींबू और तंबाकू पर तथा डाईमेथोएट का कच्चे सेवन योग्य फल और सब्जियों पर।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि शारदीय (खरीफ) मौसम में कीटनाशी विक्रेताओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें कीटनाशकों के सुरक्षित भंडारण, प्रभाव, वैकल्पिक उपायों और उनके संभावित दुष्प्रभावों की जानकारी दी जा रही है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों तक विक्रेताओं के माध्यम से वैज्ञानिक और विवेकपूर्ण कीटनाशी उपयोग की जानकारी पहुँचाना है।

उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित कीटनाशकों के संबंध में किसानों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि वे केवल अनुशंसित एवं सुरक्षित रसायनों का ही प्रयोग करें। इससे फसल की रक्षा, पर्यावरण का संरक्षण और किसानों व उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramanjot

Related News

static