"विजय चौधरी का बयान BPSC के अड़यिल रुख का करता है समर्थन", भाकपा माले ने कहा- इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़े CM नीतीश
Thursday, Jan 02, 2025-11:17 AM (IST)
पटना: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा माले) के राज्य सचिव कुणाल ने बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के उस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, जिसमें उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) पीटी परीक्षा को सभी केंद्रों पर पुन: आयोजित करने की मांग खारिज कर दी है।
'मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए'
कुणाल ने बुधवार को कहा कि विजय चौधरी का यह बयान बीपीएससी के अड़यिल रुख का समर्थन करता है और यह स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि बीपीएससी परीक्षा में समान अवसर सुनिश्चित करने की मांग को लेकर आंदोलनरत अभ्यर्थियों की मांग पूरी तरह जायज है। उन्होंने सरकार पर बर्बरता की सारी हदें पार कर देने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। उनका रवैया सरकार के घोर अहंकार को दर्शाता है। नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रास्ते पर चलते हुए न्यायपूर्ण मांगों को कुचलने के लिए क्रूर दमन का सहारा लिया है।
'यदि सरकार सकारात्मक कदम नहीं उठाती है, तो...'
भाकपा माले के राज्य सचिव ने कहा कि नीतीश कुमार शायद यह भूल रहे हैं कि वे खुद 1974 के छात्र आंदोलन की उपज हैं। बिहार की जनता ने हमेशा तानाशाही के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और इस बार भी ऐसा ही होगा। उन्होंने राजभवन मार्च के दौरान वाम दलों और कांग्रेस के सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों के साथ पुलिस के अपमानजनक रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक आंदोलनों को दबाने का प्रयास सरकार की तानाशाही सोच को दर्शाता है। कुणाल ने कहा कि यदि सरकार सकारात्मक कदम नहीं उठाती है, तो तानाशाही और सत्ता के क्रूर दमन के खिलाफ नए साल में न्याय और लोकतंत्र की लड़ाई को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ भाकपा माले अन्य संगठनों के साथ आंदोलन को और बड़े स्तर पर ले जाएगी।