Tej Pratap ने तेजस्वी को दी खुली चुनौती, पूछा- ''क्या RJD विधायक भाई वीरेंद्र पर होगी कार्रवाई?"

Tuesday, Jul 29, 2025-12:01 PM (IST)

Tej Pratap Yadav: बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने एक बार फिर आरजेडी नेतृत्व को खुली चुनौती दी है। इस बार उन्होंने पार्टी विधायक भाई वीरेंद्र (Bhai Virendra) द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति (SC/ST) समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक पंचायत सचिव पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी और धमकी देने को लेकर आरजेडी (RJD) नेतृत्व को चुनौती दी है। 

"संविधान का सम्मान आचरण में दिखना चाहिए, भाषणों में नहीं"
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तेज प्रताप ने लिखा, "क्या आरजेडी अपने विधायक भाई वीरेंद्र के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी, जिन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर के आदर्शों के विपरीत एससी-एसटी समाज के खिलाफ शर्मनाक टिप्पणी की और जान से मारने की धमकी दी? मुझे जयचंदों की साजिश के तहत पार्टी से निकाल दिया गया... अब देखना यह है कि पार्टी हंगामा करने वालों पर भी ऐसी ही सख्ती दिखाएगी या नहीं। संविधान का सम्मान आचरण में दिखना चाहिए, भाषणों में नहीं।" इस सीधे हमले ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के भीतर एक नया राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है और गुटीय तनाव तथा कथित संगठनात्मक पूर्वाग्रह को सतह पर ला दिया है। 

तेज प्रताप ने नेतृत्व पर दोहरा मापदंड अपनाने का लगाया आरोप
तेज प्रताप का बयान सिर्फ भाई वीरेंद्र पर ही निशाना नहीं साधता; बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी के शीर्ष नेताओं, जिनमें राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, क्रमशः उनके पिता और भाई शामिल हैं, की भी आलोचना करता है। अपने निष्कासन का जिक्र करके और "जयचंद" कहकर, तेज प्रताप ने नेतृत्व पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया और पार्टी के भीतर अनुशासन के चुनिंदा पालन का संकेत दिया। भाई वीरेंद्र की टिप्पणी पर विवाद ने सोशल मीडिया पर आक्रोश पैदा कर दिया है, कई दलित संगठनों और नागरिक अधिकार समूहों ने टिप्पणियों को संविधान-विरोधी करार दिया है। उन्होंने विधायक से बिना शर्त माफी मांगने और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। 

मनेर विधायक भाई वीरेंद्र के धमकी भरे फोन के बाद, पटना के मनेर प्रखंड में तैनात पंचायत सचिव संदीप कुमार ने सोमवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति थाने में उनके खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। संदीप कुमार ने आरोप लगाया कि चार बार विधायक रहे कुमार ने उन्हें फ़ोन पर धमकी दी थी। भाई वीरेंद्र ने फ़ोन कॉल की सत्यता की पुष्टि की, लेकिन अपने कृत्य का बचाव किया। उन्होंने "कठोर शब्दों" का इस्तेमाल करने की बात स्वीकार की, लेकिन पंचायत सचिव पर अनादर दिखाने और प्रोटोकॉल का पालन न करने का आरोप लगाया।


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Ramanjot

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