आज लालू यादव की जो हालत, उसके लिए नीतीश, शिवानंद और ललन सिंह जिम्मेदारः सुशील मोदी

1/31/2023 11:05:22 AM

पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में सजा दिलाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष ललन सिंह जिम्मेदार हैं। 

"जदयू से ज्यादा रही भाजपा की सफलता दर"
सुशील मोदी ने सोमवार को यहां बयान जारी कर कहा कि आज लालू प्रसाद यादव की जो हालत है, उसके लिए भी नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। उनके इशारे पर ही चारा घोटाला और बेनामी सम्पत्ति जैसे मामलों में शिवानंद तिवारी और ललन सिंह अदालत या जांच एजेंसियों को सबूत के कागजात उपलब्ध कराते रहे। आज भले ये तीनों लोग लालू प्रसाद यादव के हितैषी बन रहे हों, लेकिन उन्हेंं सजा दिलाने में इन्हीं का हाथ था। भाजपा नेता ने कहा कि 1995 के विधान सभा चुनाव से लेकर 2014 के संसदीय चुनाव तक नीतीश कुमार की पार्टी जब भी अकेले चुनाव लड़ी, उसे अपनी औकात का एहसास होता रहा। वहीं हर चुनाव में भाजपा की सफलता दर (स्ट्राइक रेट) जदयू से ज्यादा रही। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बार-बार भाजपा की शरण में आते और पलटी मारते रहे, लेकिन अब उनके लिए हमारे दरवाजे बंद हो चुके हैं। 

"नीतीश ने BJP के साथ आने की पूरी कोशिश की" 
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार जिस अल्पसंखयक वोट को 'हमारा वोट' कह रहे हैं, वह कहा था, जब उन्हें बिहार विधानसभा की मात्र 7 सीट और संसदीय चुनाव में केवल 2 सीटें मिली थीं। उन्होंने कहा कि सन् 2000 के चुनाव में भाजपा को 65 सीटें और जदयू को 35 सीटें मिली थीं, फिर भी हमने उन्हेंं मुख्यमंत्री बनाया था। भाजपा नेता ने कहा कि 2015 में जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने और 9 महीने में उनकी कुर्सी छीनने के बाद हताश नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ आने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें दूर ही रखा। उन्होंने कहा कि मात्र दो साल में लालू प्रसाद यादव से मोहभंग के बाद जब नीतीश कुमार ने 2017 में अपनी सरकार बचाने के लिए फिर भाजपा के द्वार खटखटाए, तब जंगलराज की वापसी टालने के लिए भाजपा ने उनका बिना शर्त समर्थन किया था।        

सुशील मोदी ने कहा कि 2020 के चुनाव में नीतीश कुमार की लोकप्रियता इतनी घट गई कि जदयू मात्र 44 सीटों पर सिमट गया। इसके लिए कोई दूसरा जिम्मेदार नहीं है। जदयू की कम सीटों के बावजूद भाजपा ने वर्ष 2000 की तरह नीतीश कुमार को फिर मुख्यमंत्री बनाया। अब वे सब-कुछ भुला देना चाहते हैं।


 


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Ramanjot

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