"कौन झूठा नंबर-1 है, तय करना बहुत कठिन", सम्राट चौधरी ने कहा- राहुल-तेजस्वी में चल रहा कंपीटिशन
Saturday, Aug 09, 2025-03:08 PM (IST)

Bihar Deputy CM Samrat Choudhary: बिहार के उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी ने आज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि इन दोनों में झूठा नंबर-1 बनने का कंपीटिशन चल रहा है। सम्राट चौधरी ने मतदाता सूची को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों को लेकर गांधी और तेजस्वी पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर शेयर करते हुए राहुल गांधी और तेजस्वी पर पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं में झूठा नंबर-1 कौन है, इसका कंपीटिशन चल रहा है।
एक स्टेट लेवल का झूठा हैं तो दूसरे नेशनल लेवल के- सम्राट चौधरी
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शनिवार को एक्स पर लिखा,‘‘तेजस्वी-राहुल में अभी झूठ का कंपीटिशन चल रहा है। एक झूठ राहुल गांधी लेकर आते हैं तो दूसरा झूठ तेजस्वी लेकर आते हैं। कौन झूठा नंबर-1 है, अभी तय करना बहुत कठिन है। सिर्फ इतना है कि एक स्टेट लेवल का झूठा हैं तो दूसरे नेशनल लेवल के।''
उल्लेखनीय है कि तेजस्वी यादव ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण के बाद चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई प्रारूप मतदाता सूची में अपना नाम नहीं होने का दावा किया था। बाद में आयोग ने इसका खंडन कर उन पर अवैध रूप से दो वोटर आईडी रखने का आरोप लगाया। इस संबंध में तेजस्वी को पटना जिला प्रशासन की ओर से तीन बार नोटिस जारी किया गया। आखिरी नोटिस में उन्हें 16 अगस्त तक फर्जी वोटर आई़डी जमा कराने को कहा गया है। वहीं राहुल गांधी ने आरोप लगाये थे कि चुनाव आयोग वोटों की चोरी करवा रहा है। उन्होंने कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट के मतदाताओं का ब्योरा प्रस्तुत करते हुए दावा किया था कि वहां एक लाख से अधिक गलत वोट बनवाये गये थे। हालांकि चुनाव आयोग ने कर्नाटक विधान सभा चुनाव की मतदता सूची पर राहुल गांधी के गुरुवार के बयानों और दावों को ‘गुमराह करने वाला' बताते हुए उन्हें अपनी बात शपथ-पत्र के साथ राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के सामने रखने की चुनौती दी है। आयोग ने सख्त शब्दों में कहा है कि कांग्रेस नेता को अपनी बात सच लगती है तो उन्हें उसे नियमानुसार शपथ-पत्र के साथ कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी के सामने रखना चाहिए, और यदि उन्हें अपनी बात पर ही विश्वास नहीं है तो बेतुके निष्कर्ष निकालना बंद करना चाहिए।