प्रशांत किशोर का CM पर हमला, कहा- नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं, उम्र उन पर हावी है

Sunday, Dec 25, 2022-05:22 PM (IST)

पूर्वी चंपारण(अभिषेक कुमार सिंह): जन सुराज पदयात्रा के 85वें दिन की शुरुआत पूर्वी चंपारण के मधुबन स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर ने स्थानीय मीडिया से बात की। प्रशांत अब तक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 1000 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और पूर्वी चंपारण में अब तक 350 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। शिवहर में वे 8 दिन रुकें और अलग-अलग गांवों-प्रखंडों में गए। शिवहर में उन्होंने 140 किमी से अधिक की पदयात्रा की।

नीतीश अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैंः प्रशांत किशोर
नीतीश कुमार के 2025 में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाले बयान पर प्रशांत किशोर ने कहा कि आज राजद महागठबंधन में सबसे बड़े दल के तौर पर है। नीतीश जी को आज ही तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए ताकि बिहार की पूरी जनता तेजस्वी की काबिलियत को देख सके। तेजस्वी के पास भी 3 साल काम करने का अवसर रहेगा। बिहार की जनता भी देख सकेगी कि 3 वर्षो  में तेजस्वी यादव कितना काम कर पाते है? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। उम्र उन पर हावी है और वे सामाजिक और राजनीतिक तौर पर हताश हो चुके हैं, इसलिए इस तरह के बयान दे रहे हैं।

परीक्षा पेपर लीक होना रोजमर्रा की घटना बन गई: पीके
बीएसएससी पेपर लीक मामले में प्रशांत किशोर ने कहा कि यह रोजमर्रा की घटना बन गई है। पिछले बार भी जब बीपीएससी की पेपर लीक हो गई थी तब बहुत सारे छात्रों ने मुझसे कहा था कि आप इसपर कुछ बोलिए, ट्वीट कीजिए। पिछले 10 सालों में 60 से ज्यादा अलग-अलग परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। इस पर कोई जवाबदेही तय नहीं कर रहा है। पिछली बार बीपीएससी पेपर लीक मामले में जिसे दोषी पाया गया उसके साथ कुछ दिनों बाद ही बड़े मंत्रियों के साथ बड़े-बड़े फोटो अखबार में छपे।

"बिहारियों के लिए बेहतर इलाज एक सपना सा हो गया है"
बिहार की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव और भाजपा नेता व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैं बिहार के गांव और पंचायतों में जितना घूम रहा हूं, मैं पा रहा हूं कि सीएचसी-पीएचसी सिर्फ कागजों पर उपलब्ध है। बिहार के स्वास्थ केंद्र में जहां डॉक्टर, दवा, रोगी और कंपाउंडर होना चाहिए वहा कुछ भी नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव और इसके पहले मंगल पांडे थे। इन लोगों ने इतना बढ़िया काम किया है कि स्वास्थ्य सेवा को बिल्कुल ही समेट दिया है। बिहारियों के लिए बेहतर इलाज एक सपना सा हो गया है। आज ज्यादातर स्वास्थ्य सेवा केंद्र का इस्तेमाल गाय, भैंस बांधने के लिए किया जा रहा है। वक़्त के साथ ये जंगल में तब्दील हो गया है।

 


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Content Editor

Swati Sharma

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