कबाड़ नहीं खजाना है! पटना के पार्कों में रिसाइकलिंग से बनीं आकर्षक मूर्तियां
Thursday, May 01, 2025-07:12 PM (IST)

पटना: नगर निगम ने स्वच्छता और रिसाइकलिंग को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखी और सराहनीय पहल की है, जिसकी हर ओर चर्चा हो रही है। इस पहल के तहत कबाड़ समझी जाने वाली वस्तुओं से आकर्षक और प्रभावशाली कलाकृतियां तैयार की गई हैं, जिन्हें शहर के प्रमुख पार्कों में लगाया गया है। इन कलाकृतियों ने पार्कों को सेल्फी प्वाइंट में बदल दिया है और लोगों की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखने को मिल रही है।
कबाड़ से कला: टायर, बोतल और कार्डबोर्ड से बनी कलाकृति ने खींचा ध्यान
आम तौर पर हम जिन चीजों को कचरा समझकर फेंक देते हैं—जैसे कि प्लास्टिक की बोतलें, टीन के डिब्बे, पुराने टायर या कार्डबोर्ड—पटना नगर निगम ने उन्हीं चीजों का रचनात्मक उपयोग कर मनमोहक शिल्प तैयार किए हैं। वार्ड संख्या 22 स्थित पार्क में बनाई गई कलाकृतियों में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा, कंधे पर प्लास्टिक बोतल उठाए व्यक्ति की मूर्ति, किताबों को छूता हुआ बच्चा, महिला का चेहरा और अत्याधुनिक बाइक जैसी रचनाएं शामिल हैं।
पार्क बना लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र
यह पार्क पूरी तरह से आम जनता के लिए निःशुल्क है और गर्मी को ध्यान में रखते हुए सुबह 6 से 9 बजे और शाम 4 से 8 बजे तक खुला रहता है। लोग यहां हरियाली का आनंद लेने के साथ-साथ इन अनोखी कलाकृतियों के साथ फोटोग्राफी का आनंद ले रहे हैं।
संदेश के साथ सौंदर्य भी: पर्यावरण और स्वच्छता पर जागरूकता
इन कलाकृतियों का मकसद केवल सजावट नहीं, बल्कि लोगों को यह संदेश देना भी है कि कबाड़ को सही सोच और रचनात्मकता से उपयोगी बनाया जा सकता है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलता है, बल्कि स्वच्छता और रिसाइकलिंग के प्रति लोगों की सोच भी बदलती है।
नगर निगम अब इस मॉडल को और आगे बढ़ाने की योजना बना रहा है और जल्द ही पटना के अन्य पार्कों में भी इसी तरह की कलाकृतियां लगाने की तैयारी में है।