बिहार में गला रेतकर दंपति की हत्या, 1 साल बाद कोर्ट ने दोषी को सुनाई ये सजा
Thursday, Dec 25, 2025-01:37 PM (IST)
Patna Crime News: बिहार की राजधानी पटना की एक सत्र अदालत ने एक वृद्ध दंपत्ति की निर्मम हत्या के जुर्म में एक व्यक्ति को सश्रम आजीवन कारावास की सजा के साथ पचास हजार रूपए का जुर्माना भी किया। पटना के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम संगम सिंह ने मामले में सुनवाई के बाद नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के मूल निवासी अमित कुमार उर्फ टिंकू को भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) के तहत दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को दो वर्षों के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी ।
घर में अकेले रहते थे वृद्ध दंपत्ति
मामले के अपर लोक अभियोजक अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि मामला पाटलिपुत्र थाना कांड संख्या 470 /2024 के रूप में दर्ज किया गया था। मामले की सुनवाई स्पीडी ट्रायल के तहत की गई थी। उन्होंने बताया कि पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के नेहरू नगर रोड नंबर 2 में एक वृद्ध दंपति नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव एवं उनकी पत्नी सुजाता श्रीवास्तव अपने मकान में रहा करते थे। उनके सभी बच्चे पटना से बाहर या विदेश में रहा करते थे। मृतकों के घर के नजदीक दोषी की जनरल स्टोर की दुकान थी और उसका आना-जाना मृतकों के यहां हुआ करता था। उन्होंने बताया की 15 अक्टूबर 2024 को दोषी ने नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव और उनकी पत्नी सुजाता श्रीवास्तव को चाकू से गला रेत कर और गोदकर मार डाला था। दोषी ने सुजाता श्रीवास्तव के चेहरे को रसोई में इस्तेमाल होने वाले बड़े पत्थर से भी कुचल डाला था। नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव चलने फिरने से लाचार थे एवं बिस्तर पर ही रहा करते थे। इस घटना को अंजाम देने के बाद दोषी घर में रखे गहनों को भी अपने साथ ले भागा था। पुलिस ने इस मामले का अनुसंधान वैज्ञानिक तरीके से किया। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल के कॉल डिटेल रिपोर्ट, घटनास्थल पर दोषी के पाए गए पैरों के निशान और मृतकों के खून के नमूने से पुलिस दोषी तक पहुंची थी। पुलिस ने गहनों को भी बरामद किया था, जिनकी पहचान दंपति के पुत्र ने की थी।
इस मामले में अभियोजन ने आरोप साबित करने के लिए बारह गवाहों का बयान अदालत में कलमबंद करवाया था, जिनमें से मृत दंपति के तीन पुत्रों ने नीदरलैंड, दुबई और दिल्ली से आकर अपनी गवाही दर्ज कराई थी। पुलिस ने मृतक की गोतनी सिवान निवासी पुष्पा देवी के बयान पर यह मुकदमा दर्ज किया था। 17 मई 2025 को इस मामले में दोषी के खिलाफ आरोपों का गठन किया गया था। अदालत ने 39 पृष्ठों के अपने फैसले में मामले के अनुसंधानक राजकिशोर कुमार के अनुसंधान के दौरान किए गए प्रयासों की भी सराहना की है।

