Bihar Caste Census: जाति जनगणना पर पटना हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती
Friday, Aug 04, 2023-10:32 AM (IST)

नई दिल्ली/पटनाः बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण की वैधता को बरकरार रखने संबंधी पटना उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में दलील दी गई है कि इस कवायद के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है।
नालंदा निवासी अखिलेश कुमार द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, केवल केंद्र सरकार को जनगणना करने का अधिकार है। इसमें कहा गया है, ‘‘वर्तमान मामले में, बिहार सरकार ने केवल आधिकारिक राजपत्र में एक अधिसूचना प्रकाशित करके केंद्र सरकार के अधिकारों का हनन किया है।'' वकील बरुण कुमार सिन्हा के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि यह प्रस्तुत किया जाता है कि छह जून, 2022 की अधिसूचना संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि बिहार सरकार द्वारा ‘‘जनगणना'' करने की पूरी प्रक्रिया बिना अधिकार और बगैर विधायी क्षमता के है और इसमें कोई दुर्भावना नजर आती है।
याचिका में कहा गया है कि मौजूदा याचिका में संवैधानिक महत्व का प्रश्न यह उठता है कि क्या बिहार सरकार द्वारा अपने खुद के संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण करने के लिए दो जून, 2022 के बिहार मंत्रिमंडल के निर्णय के आधार पर छह जून, 2022 को प्रकाशित अधिसूचना और इसकी निगरानी के लिए जिला मजिस्ट्रेट की नियुक्ति, राज्य और केंद्र सरकार के बीच अधिकारों के विभाजन के संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत है। बता दें कि पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं मंगलवार को खारिज करते हुए कहा था कि यह पूरी तरह से ‘वैध' है और राज्य सरकार के पास इसे कराने का अधिकार है।