विभाजन के बाद सिर्फ सनातन धर्म के अनुयायियों को ही भारत में रहना चाहिए थाः गिरिराज सिंह

Sunday, Dec 04, 2022-11:09 AM (IST)

बेगूसरायः केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को इस बात पर अफसोस जताया कि ‘‘धर्म के आधार पर विभाजन के समय'' यह सुनिश्चित नहीं किया गया था कि ‘‘केवल सनातन धर्म के अनुयायी ही भारत में रहें''।

भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक कानून की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए हिंदू समुदाय के बारे में असम के नेता बदरुद्दीन अजमल द्वारा की गई कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर गुस्सा जताते हुए यह टिप्पणी की। गिरिराज सिंह ने यहां कहा, ‘‘देश को धर्म के नाम पर बांटा गया था, यदि तब यह सुनिश्चित किया गया होता कि केवल सनातन धर्म को मानने वाले ही भारत में रहेंगे, तो हमें बदरुद्दीन और (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन प्रमुख) असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोगों के अपशब्द नहीं सुनने पड़ते।''

देश में जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किए किए जाने की आवश्यकता जताते हुए गिरिराज सिंह ने ‘‘बदरुद्दीन और उनके जैसे लोगों को चीन के खिलाफ'' बोलने की चुनौती दी, ‘‘जहां वर्षों से मजबूत जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू है।'' उन्होंने कहा, ‘‘पड़ोसी देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 1980 के दशक के अंत तक हमारी तुलना में कम थी। देखिए वे अब कहां पहुंच गए हैं।'' सिंह ने कहा, ‘‘चीन के जनसंख्या कानून ने उस देश के मुसलमानों सहित किसी को भी छूट नहीं दी है। हम दुनिया की 20 प्रतिशत आबादी हैं, भले ही हमारा क्षेत्र दुनिया भर में कुल भूमि द्रव्यमान का सिर्फ 2.5 प्रतिशत है। जब तक हम जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए कदम नहीं उठाते हैं, तब तक हम स्थायी आर्थिक विकास हासिल नहीं कर सकते।''


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Ramanjot

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