नीतीश कैबिनेट में 19 एजेंडों पर लगी मुहर, मुखिया-सरपंच को नहीं दिया जाएगा कार्यकाल विस्तार

Wednesday, Jun 02, 2021-10:13 AM (IST)

पटनाः बिहार की नीतीश सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है, जिसके चलते पंचायत प्रतिनिधियों को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, बिहार सरकार ने राज्य के ढ़ाई लाख पंचायत प्रतिनिधियों को विस्तार नहीं देने का फैसला लिया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में कुल 19 एजेंडों पर मुहर लगी है। इनमें सबसे अहम मुद्दा पंचायती राज चुनाव को लेकर लिया गया फैसला रहा। सरकार ने फैसला लिया कि त्रिस्तरीय पंचायतों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त होने के बाद व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी परामर्शी समिति को सौंपी जाएगी। बैठक के बाद पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि मंत्रिमंडल ने परामर्शी समिति के गठन से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी है। राज्यपाल के स्तर से इसकी अनुमति मिलने के बाद ही इसके स्वरूप समेत अन्य सभी बातों पर अंतिम रूप से निर्णय लिया जायेगा। 

मंत्रिमंडल की इस बैठक में जिन 19 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, उनमें मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना, एकीकृत बीज ग्राम योजना, मिनीकिट योजन और बीज वितरण कार्यक्रम के तहत किसानों को अनुदान दिए जाने से संबंधित प्रस्ताव शामिल हैं। राज्य छठे वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायतों को 656 करोड जारी किए जाने की भी स्वीकृति दी गई। इसके अलावा कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को हर माह 1500 देने के लिए योजना की शुरुआत की स्वीकृति मिली। बिहार वेब नियमावली 2021 को भी स्वीकृति दी गई। इसके तहत प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और वेब मीडिया को भी सरकारी विज्ञापन देने के नियम तय किए गए हैं।

 

 

 


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Ramanjot

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