बिहार: अब मत्स्य पालक भी बनाएं डिजिटल पहचान, एनएफडीपी पोर्टल पर करें लॉगिन
Friday, May 02, 2025-06:28 PM (IST)

पटना:केंद्र सरकार मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं का लाभ मत्स्य पालन और इसके व्यवसाय से जुड़े लोग उठा सकते हैं। केंद्र सरकार ने इससे जुड़े लोगों के विकास और उनकी आय में बढ़ोतरी के लिए नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म या एन.एफ.डी.पी बनाया है।
एन.एफ.डी.पी के जरिए मछली पालकों और उनकी सहकारी समितियों को ट्रेनिंग, वित्तीय जानकारी और योजना बनाने में मदद दी जाती है। इस पर रजिस्ट्रेशन कर मछुआरे अपनी डिजिटल पहचान प्राप्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के विभिन्न घटकों के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए एन.एफ.डी.पी पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के अंतर्गत एन.एफ.डी.पी के माध्यम से मछुआरों, मत्स्य पालकों और सहायक श्रमिकों के स्व-पंजीकरण द्वारा असंठित क्षेत्र का औपचारिकीरण किया जा रहा है।
इस पर मछुआरों के साथ ही मत्स्य पालक किसान, मछली विक्रेता और इससे जुड़े कार्यों से संबंधित लोग रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इस वेब पोर्टल पर एन.एफ.डी.पी पर सूक्ष्म और लघु स्तर पर चलने वाले मत्स्य उद्यमों, मत्स्य सहकारी समितियों, स्वंय सहायता समूह, मत्स्य पालन से जुड़ी निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां रजिस्ट्रेशन करवा सकती हैं।
अधिक जानकारी के लिए मत्स्य पालक एन.एफ.डी.पी के पोर्टल पर लॉग इन कर सकते हैं, इसका पता है (nfdp.dof.gov.in) एन.एफ.डी.पी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन दो स्तरों से किया जाता है। इसमें पहला व्यक्तिगत श्रेणी और दूसरा संगठन श्रेणी है। व्यक्तिगत श्रेणी में रजिस्ट्रेशन का विकल्प उन व्यक्तियों के लिए है, जो एनएफडीपी पोर्टल पर स्व-पंजीकरण या सहायता प्राप्त/सुविधा प्राप्त रजिस्ट्रेशन के रूप में रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं। व्यक्तिगत श्रेणी में रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स की बात करें तो इसके लिए आधार कार्ड, मोबाइल नंबर जो आधार कार्ड में रजिस्टर हो, बैंक पासबुक या चेक का विवरण देना जरूरी है।
संगठन श्रेणी में रजिस्ट्रेशन के लिए राजस्व आयुक्तों के पास पंजीकृत फार्म भागीदारी का नाम और टैक्स संदर्भ संख्या, वह पता जहां फार्म भागीदारी के रिकॉर्ड, पुस्तकें और अन्य दस्तावेज रखे जाने है। फार्म भागीदारी में सभी भागीदारों के नाम, पते और ग्रुप संख्याएँ बताने वाली दस्तावेज। अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं के डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (DSC) और पहचान पत्र आदि आवश्यक दस्तावेजों का विवरण देना जरुरी है।