जीतन राम मांझी का धमाकेदार बयान: हर सांसद-विधायक कमीशन लेते हैं, NDA में खलबली!

Wednesday, Dec 24, 2025-09:21 AM (IST)

Jitan Ram Manjhi Statement : बिहार की राजनीति में एक बार फिर तूफान आ गया है। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने ऐसा बयान दिया है, जिससे एनडीए गठबंधन में असमंजस की स्थिति बन गई है। मांझी ने खुलासा किया कि हर सांसद और विधायक अपने इलाके के विकास फंड से कमीशन लेते हैं। उन्होंने खुद भी कई बार अपना कमीशन पार्टी को दान करने की बात कही और नेताओं को सलाह दी कि इससे कार खरीद लें। ये सनसनीखेज बातें HAM की एक बैठक में सामने आईं, जहां मांझी ने बेबाकी से अपनी राय रखी।

कमीशन लेना कोई राज नहीं: मांझी का दावा

जीतन राम मांझी ने विधायकों को साफ कहा कि अगर 10 प्रतिशत कमीशन न मिले तो कम से कम 5 प्रतिशत तो जरूर लें। उन्होंने जोर देकर कहा, "देश में कोई भी सांसद या विधायक ऐसा नहीं है जो कमीशन न लेता हो। एक रुपए में से 10 पैसे भी बहुत बड़ी रकम बन जाते हैं।" गया लोकसभा से सांसद मांझी ने बताया कि एक सांसद को विकास के लिए 5 करोड़ रुपए मिलते हैं, और अगर 10 प्रतिशत कमीशन लिया जाए तो वो 40 लाख रुपए हो जाता है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने कई मौकों पर अपना कमीशन पार्टी के खाते में जमा किया है।

बेटे को भी दी कमीशन की नसीहत

मांझी यहीं नहीं रुके। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने अपने बेटे और पार्टी अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन, जो बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, से भी कमीशन लेने की बात कही। मांझी बोले, "ये कोई छिपी हुई बात नहीं है, हर कोई करता है।" बैठक में बेटे की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "अगर पार्टी नेता ये काम नहीं कर पा रहे, तो ये अध्यक्ष की कमजोरी है।" इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हंगामा मचा दिया है।

HAM की बड़ी योजना: 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान

मांझी ने आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि HAM को 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने चाहिए, वरना पार्टी अकेले मैदान में उतरेगी। उन्होंने बेटे को निर्देश दिया कि लक्ष्य हासिल करने के लिए रणनीति बनाएं। मांझी ने कहा कि उनकी जाति के लोग साथ देंगे, लेकिन दूसरे समुदायों का समर्थन भी जरूरी है। उन्होंने एनडीए की साथी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा ने उन्हें कम करके आंका है, जो गलती साबित होगी।

तीन प्रमंडलों में HAM की मजबूत पकड़

मांझी ने दावा किया कि पूर्णिया, मगध और मुंगेर डिवीजनों में उनकी पार्टी की अच्छी पकड़ है। उन्होंने कहा, "पश्चिम चंपारण में भी हमारे समर्थक हैं। हम हर जगह ताकतवर हैं, लेकिन भाजपा ने हर चुनाव में हमें कमजोर समझा। अब तक तो ठीक है, लेकिन अगले चुनाव में अगर सम्मान नहीं मिला तो हम अलग राह चुनेंगे।" कुछ दिन पहले मांझी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने 2020 चुनाव में अपने उम्मीदवार की जीत के लिए जिला प्रशासन की मदद लेने की बात कही थी।

 पहले भी दिए विवादित बयान

ये पहली बार नहीं जब मांझी ने ऐसे खुलासे किए हैं। 2015 में मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद उन्होंने सरकारी ठेकों में 'एस्टीमेट घोटाले' का मुद्दा उठाया था। तब उन्होंने कहा था कि ठेकों में पैसे कमाने के लिए लागत को जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है। हाल ही में राज्यसभा सीट न मिलने पर गठबंधन से अलग होने की धमकी भी उन्होंने दी थी, जिससे राजनीति गरमाई थी।

भाजपा ने कहा निजी विचार, RJD को मिला मुद्दा

भाजपा नेता और मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने मांझी के बयान को उनकी व्यक्तिगत राय बताया है। वहीं, विपक्षी RJD को ये मुद्दा हाथ लग गया है। RJD प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि एनडीए में 202 सीटें जीतने के बावजूद सबकुछ सामान्य नहीं है, और ये बयान गठबंधन की कमजोरी दिखाता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramanjot

Related News

static