बिहार NDA में खलबली: जीतन राम मांझी ने ठोका राज्यसभा सीट पर दावा, नहीं मिली तो अलग रास्ता अपनाएंगे!
Monday, Dec 22, 2025-09:00 AM (IST)
Bihar Politics : बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के सहयोगी दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के लिए राज्यसभा की एक सीट की जोरदार मांग की है। गया में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मांझी ने गठबंधन में अपनी पार्टी के साथ हो रहे कथित भेदभाव पर नाराजगी जताई और पुराने वादों की याद दिलाई।
मांझी ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में अप्रैल 2026 में होने वाले राज्यसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे की चर्चा चल रही है, जिसमें जदयू और भाजपा को दो-दो सीटें तथा चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को एक सीट मिलने की बात कही जा रही है। ऐसे में उनकी पार्टी का हिस्सा कहां है? उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "हम अभी भी नहीं कह रहे कि सीट नहीं मिलेगी, लेकिन हमें अपना हक मांगना चाहिए।"
2024 लोकसभा चुनाव का पुराना वादा याद दिलाया
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने 2024 लोकसभा चुनावों का जिक्र करते हुए बताया कि उस समय एनडीए नेतृत्व ने उनकी पार्टी को दो लोकसभा सीटें देने का आश्वासन दिया था, बाद में एक राज्यसभा सीट का वादा किया गया। अंततः उन्हें केवल एक लोकसभा सीट (गया) मिली, जिसे उन्होंने जीतकर एनडीए के खाते में डाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने के लिए धन्यवाद देते हुए मांझी ने कहा, "लेकिन राज्यसभा की एक सीट अभी बकाया है। 2024 के चुनाव परिणामों के आधार पर अप्रैल 2026 के राज्यसभा चुनाव में हमारी पार्टी को एक सीट जरूर मिलनी चाहिए।"
उन्होंने यह बात पार्टी पदाधिकारियों से कही, क्योंकि खुद संरक्षक होने के नाते वे सीधे फैसला नहीं ले सकते। पार्टी अध्यक्ष, प्रवक्ता या अन्य पदाधिकारी ही आधिकारिक मांग रख सकते हैं।
एनडीए से अलग होने की अटकलों पर स्पष्ट जवाब
गठबंधन से अलग होने की चर्चाओं पर मांझी ने कहा कि जब तक पार्टी संगठन उनके साथ है, अलगाव की कोई बात नहीं है। लोग उनकी बातों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। उन्होंने पार्टी को मान्यता प्राप्त दल बनाने की जरूरत पर जोर दिया। वर्तमान में हम के पास पर्याप्त विधायक नहीं हैं, इसलिए मान्यता नहीं मिली है। अगर ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़कर 6-7 प्रतिशत वोट हासिल किए जाएं और 8 सीटें जीती जाएं, तो पार्टी को राष्ट्रीय मान्यता मिल सकती है। इसके लिए 50-100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करने की सलाह दी।
मांझी की यह मांग एनडीए में नई बहस छेड़ सकती है, क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद राज्यसभा की 5 सीटों पर गठबंधन का पूरा दबदबा है। देखना यह होगा कि भाजपा-जदयू नेतृत्व उनकी मांग को कैसे संबोधित करता है।

