जाति जनगणना के मुद्दे पर JDU बोली- राहुल गांधी कह रहे फेक तो तेजस्वी ले रहे श्रेय, दोनों में से फर्जी कौन?

Tuesday, Jan 21, 2025-10:53 AM (IST)

पटना: बिहार जनता दल यूनाइटेड (JDU) विधान पार्षद सह मुख्य प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने बिहार में जातिगत सर्वे को फर्जी कहने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि वे दावा करते हैं कि बिहार में जाति सर्वे की रिपोर्ट फर्जी है तो फिर उन्होंने सर्वदलीय सहमति की बैठक में कैसे हिस्सा लिया। 

नीरज कुमार, प्रदेश प्रवक्ता, डा.निहोरा प्रसाद यादव और पार्टी नेता ललन प्रसाद ने सोमवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान बिहार में जातिगत सर्वे को फर्जी कहने पर गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से दलितों, पिछड़ों की हकमारी की है और उन्हें उनका वाजिब अधिकार नहीं दिया। कर्नाटक में जातिगत जनगणना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि साल 2014 में कांग्रेस की सिद्धरमैया सरकार ने जातिगत जनगणना कराने के लिए अधिसूचना जारी की और इस सर्वे पर कुल 169 करोड़ रुपए खर्च किए गए, लेकिन जून 2016 में सरकार को रिपोर्ट को सौंपने के वादे के बाद भी आजतक रिपोर्ट न तो राज्य सरकार को सौंपी गई और ना ही इसे आजतक सार्वजनिक किया गया। 

पार्टी प्रवक्ताओं ने गांधी से सवाल पूछा। उन्होंने कहा यदि गांधी ये दावा करते हैं कि बिहार में जाति सर्वे की रिपोर्ट फर्जी है तो फिर उन्होंने सर्वदलीय सहमति की बैठक में कैसे हिस्सा लिया। जाति सर्वे को लेकर आजतक किसी राजनीतिक दल और उसके नेता ने विधिवत तौर पर एक भी आपत्ति जाहिर नहीं की, तो क्या ये माना जाए कि लालू प्रसाद अज्ञानी हैं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अज्ञानी हैं, साथ ही बिहार में ‘इंडी' गठबंधन में शामिल दलों के नेता अज्ञानी हैं। उन्होंने कहा जाति सर्वे का श्रेय तेजस्वी ले रहे थे तो फिर उनके ही गठबंधन के भागीदार गांधी ने इस सर्वे को कैसे फर्जी बता दिया? इसका मतलब है कि तेजस्वी यादव फर्जी श्रेय ले रहे थे?

जदयू नेताओं ने कहा, गांधी ने जिस तरह अपनी दादी इंदिरा गांधी के देश में आपातकाल लगाने के लिए माफी मांगी थी तो अपने पिता राजीव गांधी के इस बयान कि, मंडल आयोग की रिपोर्ट कूड़े का डब्बा है, इसके लिए देश की जनता से माफी मांगेंगे? गांधी ये जवाब दें कि आखिर कर्नाटक में कांग्रेस के कराए गए जातिगत जनगणना की रिपोर्ट आज दस सालों के बाद भी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई? क्या ये सच नहीं है कि कर्नाटक सरकार के कराए गए सर्वे की जानकारी के मुताबिक राज्य में दलित जाति का राज्य की कुल जनसंख्या में अनुपात सबसे अधिक है, जबकि मुस्लिम समाज का जनसंख्या अनुपात में दूसरे स्थान पर है। क्या ये सच है कि कर्नाटक सरकार इस रिपोर्ट के इसलिए जारी नहीं कर रही है क्योंकि जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में दलित और मुस्लिम की आबादी सबसे अधिक है। जबकि राज्य कांग्रेस की राजनीति में लिंगायत और वोक्कालिगा जातियों का प्रभुत्व है।       


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Ramanjot

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