गोगाबील झील पर 3.66 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा एंटी फ्लड गेट, बनेगी बर्ड सेंचुरी की नई पहचान
Friday, Jul 04, 2025-06:53 PM (IST)

पटना:कटिहार जिले में मनिहारी प्रखंड स्थित गोगाबील झील के समीप जल संसाधन विभाग द्वारा एंटी-फ्लड स्लूइस गेट का निर्माणकार्य शुरू कर दिया गया है। इस योजना पर कुल 3.66 करोड़ रुपये की प्राक्कलित लागत प्रस्तावित है। मनिहारी प्रखंड के जंगला टाल इंग्लिश स्थित गोगाबील झील प्रवासी पक्षियों के लिए एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण पक्षी अभ्यारण्य के रूप में विख्यात है। यह झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है।
कुल 218 एकड़ भू-भाग में फैली गोगाबील झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए जानी जाती है। यह झील हरियाली से घिरी है और विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का घर है। यह योजना पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से प्राप्त प्रस्ताव के आलोक में तैयार की गई है। जिसके अंतर्गत गोगाबील झील के जल निकासी बिंदु पर जलद्वार (स्लूइस गेट) का निर्माण किया जाएगा। इस जलद्वार के माध्यम से झील में संतुलित जल का भंडारण सुनिश्चित हो सकेगा। जिससे प्रवासी पक्षियों, जलीय जीव-जंतुओं और आसपास के जैव विविधताओं को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।
एंटी-फ्लड स्लूइस गेट के निर्माण से झील में अब सालों भर पानी की उपलब्धता बनी रहेगी और अतिरिक्त जल निकासी के साथ-साथ स्लूईस गेट के निर्माण से बाढ़ की समस्या का न्यूनीकरण हो सकेगा। यह परियोजना कटिहार जिले के मनिहारी प्रखंड के ग्रामीणों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी। इस योजना को अगले साल यानि जनवरी, 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित है।
कई दुर्लभ पक्षीयों का आश्रय स्थल गोगाबील झील
गोगाबील झील न केवल राज्य की एक प्रमुख प्राकृतिक आर्द्रभूमि है, बल्कि यह कई दुर्लभ और प्रवासी पक्षी प्रजातियों का आश्रय स्थल भी है। यहां साइबेरिया समेत अन्य देशों से करीब 300 प्रजाति के प्रवासी पक्षी आते हैं। बता दें कि यह झील बिहार का 15वां संरक्षित क्षेत्र भी है।