भागलपुर में बाढ़ से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त, NDRF-SDRF कर रही बचाव-कार्य; 32,814 लोगों को निकाला सुरक्षित
Thursday, Aug 14, 2025-08:40 AM (IST)

Bihar Flood: बिहार के भागलपुर जिले में लगातार बारिश से गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के चलते बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
भागलपुर में बाढ़ से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त, 6 लाख की आबादी प्रभावित
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यहां बताया कि जिले के 12 प्रखंडों के 85 पंचायतों में आई भीषण बाढ़ से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उन प्रखंडों के करीब छह लाख की आबादी प्रभावित है। जिले के नवगछिया अनुमंडल में बाढ़ के पानी के दबाब से इस्माइलपुर बिंद टोली और साधुपुर तटबंधों के कुछ हिस्सों के क्षतिग्रस्त होने के कारण बाढ़ का पानी चारो तरफ फैल गया है। इस्माइलपुर और गोपालपुर थाना और वहां का प्रखंड एवं अंचल कार्यालय परिसर जलमग्न हो चुका है।
NH- 80 के क्षतिग्रस्त होने के कारण बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक
सूत्रों ने बताया कि दोनों तटबंधों के क्षतिग्रस्त हिस्सों को रिस्टोर करने का काम युद्धस्तर पर करवाया जा रहा है। जल संसाधन विभाग के पटना एवं भागलपुर के मुख्य अभियंताओं की टीमें और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर निगरानी रख रही है। जिला मुख्यालय स्थित तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय और उसके आवासीय परिसर सहित अभियंत्रण कॉलेज में पानी घुसने से सभी प्रशासनिक एवं शैक्षणिक कार्यों को बंद कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि जिले में निर्माणाधीन मुंगेर - मिर्जाचौकी फोरलेन सड़क पर पानी आने से निर्माण कार्य बाधित हो गया है। वहीं पानी के भीषण दबाव से कई जगहों पर राष्ट्रीय उच्च मार्ग- 80 के क्षतिग्रस्त होने के कारण बड़े वाहनों के आवागमन को रोक दिया गया है।
36 मोटर बोट से NDRF-SDRF कर रही रेस्क्यू, 33 हजार लोगों को निकाला सुरक्षित
इस बीच जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि जिले के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को पका भोजन उपलब्ध कराने के लिये कुल 186 सामुदाय किचन चलाए जा रहे हैं। लोगों के आवागमन के लिए 104 नावों की व्यवस्था की गई है।उन्होंने बताया कि जिले में कार्यरत राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की आठ टीम अपने 180 जवान और 36 मोटर बोट के जरिए बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में लगातार राहत एवं बचाव कार्य चला रहे हैं। अब तक 32,814 लोगों को पानी वाले क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला जा चुका है। चिकित्सा सुविधा के लिए सभी राहत शिविरों में मानव और पशु चिकित्सा दल की तैनाती की गई है।