बिहार में कृषि फीडर सोलराइजेशन योजना को किसानों ने सराहा, बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
Monday, Feb 03, 2025-05:57 PM (IST)
पटना: बिहार में कृषि फीडर सोलराइजेशन योजना को किसानों का जबरदस्त समर्थन मिला है। इस योजना के तहत किसान अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं या किराए पर देकर आय अर्जित कर सकते हैं। सरकार का लक्ष्य किसानों को सस्ती और विश्वसनीय बिजली प्रदान करना है। इस पहल से न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों को 25 वर्षों तक एक स्थिर आय स्रोत भी मिलेगा।
योजना से किसानों की सिंचाई लागत घटेगी और उत्पादन बढ़ेगा
ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा कि फीडर सोलराइजेशन योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना से किसानों को सस्ती, भरोसेमंद और दिन के समय बिजली मिलेगी, जिससे उनकी सिंचाई लागत घटेगी और कृषि उत्पादन बढ़ेगा। यह योजना किसानों को अपनी भूमि पर सोलर प्लांट लगाकर अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर भी देती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। वहीं, पर्यावरण के लिहाज से यह पहल जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और कार्बन उत्सर्जन घटाने में मदद करेगी, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को नियंत्रित किया जा सकेगा। सौर ऊर्जा स्वच्छ, नवीकरणीय और दीर्घकालिक ऊर्जा स्रोत है, जो न केवल कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि हरित और सतत विकास को भी बढ़ावा देगा।
इस योजना के तहत बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड 3681 कृषि/मिश्रित फीडरों को सोलराइज कर रही है। इस उद्देश्य से 6 विद्युत उपकेंद्रों पर 17.68 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए बिजली खरीद समझौता निष्पादित किया जा चुका है। वहीं, दूसरे चरण के लिए 1121 विद्युत उपकेंद्रों पर सोलराइजेशन हेतु निविदाएं आमंत्रित की गई थीं, जिसमें 113 निविदाकर्ताओं ने भाग लिया और 222 PSS के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं।
योजना के अन्तर्गत सरकार की ओर से वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही
सौर परियोजना के अंतर्गत 1 मेगावाट सोलर प्लांट लगाने के लिए लगभग 4 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है। इस योजना के अन्तर्गत सरकार की ओर से वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा ₹1.05 करोड़ प्रति मेगावाट और बिहार सरकार ₹45 लाख प्रति मेगावाट का अनुदान दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, बैंकों द्वारा किसानों को ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
सौर ऊर्जा आधारित इस योजना से माननीय मुख्य मंत्री की दूरदर्शी सोच "जल जीवन हरियाली " के अभियान को भी बल मिलेगा जो भविष्य में बिहार के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।