Bihar Bhumi: जमीन विवादों पर नीतीश सरकार का बड़ा फैसला,अब CO जारी करेंगे फैमिली ट्री
Thursday, Dec 25, 2025-09:39 AM (IST)
पटना: बिहार के शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए जमीन और उत्तराधिकार से जुड़ी एक बड़ी समस्या का समाधान हो गया है। नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्रों में रहने वाले नागरिक लंबे समय से इस बात को लेकर परेशान थे कि उनकी वंशावली (Family Tree) आखिर कौन जारी करेगा। अब राज्य सरकार ने इस भ्रम को पूरी तरह खत्म कर दिया है।
बिहार सरकार ने फैसला लिया है कि शहरी क्षेत्रों में अब अंचलाधिकारी (CO) ही वंशावली जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकार होंगे।
शहरी बिहार में वंशावली की व्यवस्था हुई स्पष्ट
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने शहरी क्षेत्रों में वंशावली जारी करने को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग के प्रधान सचिव सी.के. अनिल द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है।
अब नगर निकाय क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपने संबंधित अंचल कार्यालय से सीधे वंशावली प्राप्त कर सकेंगे। सरकार का मानना है कि इससे जमीन से जुड़े प्रशासनिक और कानूनी कार्यों में लोगों को अनावश्यक भटकाव से मुक्ति मिलेगी।
पहले क्यों होती थी परेशानी?
अब तक शहरी इलाकों में वंशावली जारी करने के लिए कोई तय अधिकारी या स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी। इसके कारण नामांतरण, दाखिल-खारिज, संपत्ति बंटवारे और न्यायालयी मामलों में लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज व्यवस्था के तहत सरपंच वंशावली जारी करते हैं, लेकिन शहरी इलाकों में ऐसी व्यवस्था नहीं होने से लंबे समय से असमंजस बना हुआ था।
विधि विभाग की सहमति के बाद आया फैसला
18 दिसंबर को महाधिवक्ता के साथ हुई बैठक के बाद विधि विभाग ने इस विषय पर स्थिति स्पष्ट की। इसके बाद अंचलाधिकारी को वंशावली जारी करने का अधिकार देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई और विभागीय आदेश जारी कर इसे लागू कर दिया गया।
उपमुख्यमंत्री बोले: पारदर्शी और समयबद्ध सेवा मिलेगी
उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि इस फैसले से शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को समयबद्ध, पारदर्शी और सरल सेवा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे जमीन से जुड़े मामलों में जनता का भरोसा बढ़ेगा और अनावश्यक विवादों में कमी आएगी।
जमीन के कागजात भी हुए पूरी तरह डिजिटल
सरकार ने राजस्व अभिलेखों की नकल को भी पूरी तरह डिजिटल कर दिया है। अब डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त भूमि अभिलेख पूरी तरह वैध होंगे और हर जगह मान्य माने जाएंगे। लोग घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से जमीन से जुड़े दस्तावेज प्राप्त कर सकेंगे।
शहरी जमीन प्रशासन में बड़ा सुधार
वंशावली की स्पष्ट व्यवस्था और जमीन के कागजात की डिजिटल सुविधा—दोनों फैसले मिलकर शहरी बिहार में भूमि प्रशासन को अधिक सरल, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाने की दिशा में बड़ा कदम माने जा रहे हैं। आने वाले समय में इससे शहरी इलाकों में जमीन से जुड़े विवादों में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है।

