देवउठनी एकादशी का महाउपाय: करें बस ये एक काम, बरसेगा मां लक्ष्मी और नारायण का आशीर्वाद

Friday, Oct 31, 2025-08:04 AM (IST)

Dev Uthani Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2025) या प्रबोधिनी एकादशी (Prabodhini Ekadashi) इस वर्ष 1 और 2 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु (Lord Vishnu) के चार महीने के योगनिद्रा काल के बाद जागने की परंपरा है। धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की यह एकादशी वर्ष की सबसे शुभ और फलदायी एकादशी होती है।

इस वर्ष 1 नवंबर को स्मार्त परंपरा के अनुयायी व्रत और पूजन करेंगे, जबकि 2 नवंबर को वैष्णव परंपरा के श्रद्धालु भगवान लक्ष्मी-नारायण की पूजा करेंगे। इस दिन श्री हरि की विधिपूर्वक पूजा करने और कुछ खास उपाय अपनाने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता आती है।

करियर और कारोबार में तरक्की के लिए उपाय

अगर आप चाहते हैं कि आपके करियर और व्यापार में निरंतर प्रगति हो, तो देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को केसर मिले दूध (Kesar Milk) से स्नान कराएं। मान्यता है कि यह उपाय करने से Career Growth और Business Success में आ रही रुकावटें दूर होती हैं और व्यक्ति का भाग्य चमकने लगता है।

 तुलसी पत्र से पूर्ण होती हैं सभी कामनाएं

देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी पत्र (Tulsi Leaves) चढ़ाना बेहद शुभ माना गया है। माना जाता है कि श्री हरि को तुलसी अत्यंत प्रिय हैं, और जो भक्त श्रद्धा से तुलसी पत्र अर्पित करता है, उसकी मनोकामनाएं जल्दी पूर्ण होती हैं। ध्यान रखें कि तुलसी को एकादशी वाले दिन न तोड़ें, बल्कि एक दिन पहले ही पवित्र भाव से तोड़कर रखें।

आर्थिक तंगी दूर करने का उपाय | Dev Uthani Ekadashi Ke Upay

अगर आप आर्थिक कठिनाइयों से गुजर रहे हैं या मां लक्ष्मी की कृपा नहीं मिल पा रही है, तो देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें और उसकी जड़ में गन्ने का रस (Sugarcane Juice) अर्पित करें। शास्त्रों में बताया गया है कि ऐसा करने से धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और Financial Prosperity प्राप्त होती है।

लक्ष्मी-नारायण को प्रसन्न करने का सरल उपाय

देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ तुलसी माता (Goddess Tulsi) की भी पूजा अवश्य करें। पूजा के समय तुलसी के सामने शुद्ध देसी घी का दीपक (Pure Ghee Diya) जलाएं और उनकी 5 या 7 बार परिक्रमा (Parikrama) करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है, जिससे घर में सुख, शांति और समृद्धि (Peace & Prosperity) बनी रहती है।
 


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Ramanjot

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