मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता को दिया अधिकार, बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून ने आम जनता को किया सशक्त

Monday, Sep 09, 2024-01:50 PM (IST)

पटना (विकास कुमार): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आम जनता को सशक्त करने के लिए बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून लागू किया। लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम एक ऐसा नियम है जिसके बारे में सही रूप से जानकारी प्राप्त होने पर आप इसके माध्यम से अपनी समस्या एवं शिकायतों का आसानी से हल कर सकते हैं। 

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के द्वारा आम लोगों की शिकायतों के निवारण की सुदृढ़ कार्य प्रणाली विकसित की गई है। इसमें एक निश्चित समय सीमा के अंदर परिवाद के निष्पादन किया जाता है। इस कानून के प्रभावी रूप से संचालित होने पर आम जनता को एक निश्चित समय-सीमा के भीतर किसी परिवाद पर सुनवाई की जाती है। इसके अलावा समस्या के निवारण का अवसर और परिवाद पर सुनवाई में किए गए निर्णय के बारे में सूचना भी आम जनता को मिलती है।

‘अगर अधिकारी रिश्वत मांगता है तो आप ऑनलाइन कंप्लेन कर सकते हैं’

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत निम्न सुविधाएं प्रदान की जाती है- 
*इस कानून से सभी आवेदकों की 60 कार्य दिवसों में उनकी शिकायतों की सुनवाई की जाएगी।
*इसी के साथ यह भी प्रयास किया जाएगा कि 2 महीनों के समय अंतराल के मध्य ही उनके द्वारा की गई शिकायत का निर्धारण भी प्रदान किया जा सके।
*60 कार्य दिवसों में यह भी सुनिश्चित करें कि उस पर निर्णय की सूचना प्राप्त होने का कानूनी अधिकार प्राप्त हो गया है।
*शिकायत का तुरंत निबंधन संख्या/पावती प्रदान करते हुए सुनवाई की तिथि बताई जाती है।
*शिकायतकर्ता एवं शिकायत के विषय से संबंधित सरकारी कर्मी के आमने-सामने सुनवाई कर शिकायत का समाधान किया जाता है।
*इस अधिनियम में निर्णय की प्रति भी उपलब्ध कराई जाती है ताकि निर्णय से व्यथित होने की स्थिति में अपील दायर किया जा सके।
 
लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के आधार पर आम जनता शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके माध्यम से दर्ज की जाने वाली शिकायतों की सूची कुछ इस प्रकार हैं:-

*कार्यक्रम एवं सेवा के संबंध में कोई लाभ प्राप्त करने के लिए या ऐसा लाभ प्राप्त होने में हो रही देरी या विफलता के लिए किसी लोक सेवक द्वारा राज्य में लागू किसी नियम- नीति-विधि की अवहेलना किए जाने के मामले में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को परिवाद दायर किया जा सकता है।
*राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही किसी योजना, कार्यक्रम या सेवा के संबंध में कोई फायदा या अनुतोष मांगने के लिए,ऐसा फायदा या अनुतोष प्रदान करने में विफलता या विलम्ब के संबंध में किसी लोक प्राधिकार के कृत्यकरण में विफलता से उसके द्वारा राज्य में प्रवृत्त किसी विधि, नीति, सेवा, कार्यक्रम या योजना के उल्लंघन से उद्भूत किसी मामले के संबंध में परिवाद दायर किया जा सकता है।
*लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से कार्यक्रम एवं सेवाएं जिनके संबंध में परिवाद दायर किया जा सकेगा एवं लोक प्राधिकार एवं विभाग जिनके स्तर पर परिवाद का निवारण होगा, की सूची उपलब्ध रहेगी।यह लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय के सुगोचर स्थान पर तथा लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय में लगाये जाने वाले टच स्क्रीन कियोस्क पर भी उपलब्ध होंगी।
 
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत शिकायत निम्नलिखित तरीके से की जा सकती है-
*शिकायत करने के लिए कार्यालय आना जरूरी नहीं है। आम जनता डाक, ई-मेल या ऑनलाइन के जरिए शिकायत कर सकते हैं।
*कोई भी सादे कागज पर नाम, पता, फोन नंबर, ईमेल शिकायत लिखकर अनुमंडल जिला स्थित लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को आवेदन दे सकता है।
*अनुमंडल जिलों में ही शिकायत के निवारण की सुविधा मुहैया कराई गई है। (इस ई-मेल-lokshikayat.bihar.gov.in पर शिकायत की जा सकती है)
*अनदेखी करने वाले अफसरों-कर्मियों पर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई की जा सकती है।
*प्रशासन परिवाद के 60 दिनों के भीतर निपटारा किया जा सकेगा।
*सभी 44 विभाग इस कानून के दायरे में आते हैं।
*शिकायतकर्ता को तुरंत शिकायत का रजिस्ट्रेशन नंबर या पावती दी जाती है और सुनवाई की तारीख बताई जाती है। 
* शिकायतकर्ता और शिकायत से जुड़े सरकारी अधिकारी के बीच आमने-सामने सुनवाई होती है। 
*परिवाद दायर करने के लिए आम जनता को कोई शुल्क नहीं लगता।
*शिकायत दर्ज कराने के लिए, अनुमंडल, जिला, या राज्य मुख्यालय के लोक शिकायत प्राप्ति काउंटर पर जाया जा सकता है। 
*शिकायत दर्ज कराने के लिए, टोल फ्री नंबर 18003456284 पर कॉल किया जा सकता है। 
*शिकायत दर्ज कराने के लिए, ईमेल info-lokshikayat-bih@gov.in किया जा सकता है। 
*शिकायत दर्ज कराने के लिए, डाक से भी पत्राचार किया जा सकता है। 
*राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे किसी कार्यक्रम, योजना, या सेवा से जुड़ी शिकायत की जा सकती है।
*किसी लोक सेवक द्वारा राज्य में लागू नियम-नीति-विधि की अवहेलना करने की शिकायत की जा सकती है। 
 
बिहार लोक शिकायत निवारण कानून ने आम जनता को सशक्त किया है। साथ ही नौकरशाही की लालफीताशाही पर भी ये कानून नकेल लगाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक शिकायत निवारण अधिकार आम जनता को देकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करता है।


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Content Writer

Ramanjot

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