ग्रामीण पथ सुदृढ़ीकरण योजना से बदली बिहार के गांवों की तस्वीर, बढ़ा रोजगार और आर्थिक मजबूती
Friday, Oct 03, 2025-05:48 PM (IST)

पटना:मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना (एमएमजीएसयूवाई) के अंतर्गत ग्रामीण पथ सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के लागू किए जाने से न केवल राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी संरचना को मजबूती मिल रही है, बल्कि इससे गांवों की तस्वीर भी तेजी से बदल रही है। अब यह योजना सिर्फ ग्रामीण सड़कों के संधारण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, रोजगार के नए अवसर सृजित करने और सामाजिक सशक्तिकरण का एक मजबूत आधार बन चुकी है।
अबतक इस योजना के तहत राज्य के सभी 38 जिलों की कुल 17,982 ग्रामीण पथों की जिनकी लंबाई 30,734 किलोमीटर है, के पुनर्निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इन सड़कों से राज्य के हजारों गांवों को हर मौसम में (बारहमासी) निर्बाध संपर्क, बाजारों तक आसान पहुंच, स्कूलों और अस्पतालों तक आवागमन की सुगम सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने राज्य में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम लागू कर रखा है। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना का एक महत्वपूर्ण अवयव है, जिसे राज्य मंत्रिमंडल द्वारा पिछले साल नवंबर में स्वीकृति मिल चुकी है। इसका उद्देश्य राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्थित सड़कों का दीर्घकालिक सुदृढ़ीकरण और प्रभावी रख-रखाव करना है।
ग्रामीण कार्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 17,982 स्वीकृत ग्रामीण सड़कों में से 11,985 सड़कें, जिसकी कुल लम्बाई 20,998 किलोमीटर सड़कों का कार्यारम्भ किया जा चुका है। सभी स्वीकृत सड़कों का प्रारंभिक सुधार का कार्य वित्तीय वर्ष 2025-26 में पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अबतक कुल 38 सड़कों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। जिसकी कुल लम्बाई 2,212.41 किलोमीटर बताई गई है। इसके साथ ही, बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम भी लागू किया है। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उद्देश्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सड़कों का दीर्घकालिक सुदृढ़ीकरण और प्रभावी रखरखाव करना है।
इस कार्यक्रम के तहत पथों का दो बार कालीकरण किया जाएगा, ताकि उनकी सतह की मजबूती और सड़क की पर वाहनों के सुगम परिचालन लगातार बनी रहे। इस योजना का एक और अहम पहलू यह है कि सभी संवेदकों को रूरल रोड रिपेयर वाहन रखने का निर्देश दिया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि का प्रतिक्रिया समय के अधीन समाधान किया जा सके और सड़क का उपयोग करने वालों को यात्रा के दौरान कोई असुविधा न हो। राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि हर वित्तीय वर्ष के बाद पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि से बाहर हुए सड़कों का चयन कर उन्हें फिर से उन्नत किया जाएगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क की गुणवत्ता और स्थायित्व बनी रहे तथा इन्हें टूटने से बचाया जा सके।