बिहार का पहला रबर डैम बनकर तैयार, CM नीतीश कुमार कल करेंगे डैम का लोकार्पण
Wednesday, Sep 07, 2022-08:02 PM (IST)

गया ( अभिषेक कुमार ): देश का सबसे बड़ा और बिहार का पहला रबर डैम गया में बनकर तैयार हो गया है। पितृपक्ष से पहले यानी कल सीएम नीतीश कुमार इसका लोकार्पण करेंगे। इस डैम का निमार्ण 312 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है। अब फल्गु नदी में 365 दिन पानी रहेगा देशभर से जो लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आते है उन्हें अब दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। डैम के उद्घाटन के साथ ही श्री कुमार सीताकुण्ड जाने के लिए पुल का लोकार्पण भी करेंगे। इस दौरान विष्णुपद मंदिर के समीप पितृपक्ष मेला-2022 का उद्घाटन भी किया जाएगा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव शामिल होंगे।
जिला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने कहा कि यह पितृपक्ष मेला दो वर्षों के बाद मनाया जा रहा है। इस वर्ष पितृपक्ष मेला में पूर्व वर्षो की अपेक्षा में अधिक संख्या में तीर्थयात्री के आने का अनुमान है। इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। तीर्थ यात्रियों के बेहतर सुविधा के लिए गांधी मैदान में तीन टेंट सिटी का भी निर्माण कराया गया है जो पहली बार किया गया है।
डॉ. त्यागराजन ने बताया कि पूर्व के वर्षों में फल्गु नदी में पानी नहीं रहने के कारण पिंडदानियों को तर्पण देने में काफी कठिनाइयां होती थी। फल्गु नदी के तट पर विष्णुपद मंदिर के नजदीक सालों भर जल उपलब्ध कराने हेतु गयाजी डैम का निर्माण करवाया गया। विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी के सतही प्रवाह को रोकने के लिए 3 मीटर ऊंचा एवं 411 मीटर की लंबाई में भारत का सबसे लंबा रबर डैम का निर्माण करवाया गया है जिसमें 65- 65 मीटर लंबाई के छह स्पैन हैं। इसके रबर ट्यूब में आधुनिक स्वचालित विधि से हवा भरी एवं निकाली जा सकती है, जिसके कारण फल्गु नदी के जल के प्रवाह एवं भंडारण को प्रभावी रूप से संचालित किया जा सकेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही श्रद्धालुओं के विष्णुपद घाट से सीताकुंड तक पिंडदान के लिए जाने के लिए रबड़ डैम के ऊपर 411 मीटर लंबा स्टील पैदल पूल का भी निर्माण किया गया है, इसके साथ ही स्टील पैदल पुल से उतरकर सीताकुंड तक पहुंचने के लिए पैदल पथ भी तैयार किया गया है। श्रद्धालुओं द्वारा पिंडदान के समय उपयोग किए जा रहे नदी के पानी की स्वच्छता बनाए रखने के लिए बाएं तट पर 752 मीटर की लंबाई में भूमिगत मनसरवा नाला का भी निर्माण किया गया है।