Bihar Land Survey को लेकर सरकार की आई नई Update,  सर्वेक्षण के बाद अब इन आधारों पर होगा जमीन का वर्गीकरण

Friday, Jan 10, 2025-03:49 PM (IST)

Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे का काम खत्म होने के बाद राज्य में नए सिरे से जमीन की प्रकृति का निर्धारण किया जाएगा। जिससे पता लगाया जाएगा कि कौन-सी जमीन गैर-मजरुआ खास, गैर-मजरुआ आम, पुश्तैनी या रैयती है। इसके अलावा, जमीन के उपयोग के अनुसार इसे धानहर, आवासीय, भीठ (आवासीय के पास की जमीन) और अन्य व्यावसायिक श्रेणियों में बांटा जाएगा। यह वर्गीकरण जमीन के सही उपयोग को सुनिश्चित करेगा, भूमि से जुड़े विवादों को कम करेगा और लगान दरों को पारदर्शी बनाने में सहायक होगा।

गौरतलब हो कि वर्तमान में जमीन की प्रकृति का निर्धारण 1920 के कैडेस्ट्रल सर्वे और 1968-1972 के बीच हुए रीविजनल सर्वे के आधार पर किया जाता है। जिन क्षेत्रों में रीविजनल सर्वे नहीं हुआ है, वहां 1920 के सर्वे ही मान्य है। बिहार में वर्तमान में कई जिलों में आजादी से पहले का ही जमीन सर्वे रिकॉर्ड उपलब्ध है।

जानकारी हो कि बिहार में भू-स्वामित्व और भूमि उपयोग से जुड़े कई मुद्दे लंबे समय से चल रहे हैं। साथ ही जमीन की खरीद और बिक्री में भी बेहद परेशानी होती रही है। इन्हीं कारणों से बिहार की नीतीश कुमार सरकार की तरफ से बिहार भूमि सर्वेक्षण की शुरुआत की गई है। इससे न केवल जमीन की प्रकृति और उपयोग स्पष्ट होगा बल्कि भूमि विवादों का समाधान भी हो जाऐगा। साथ ही जमीन के रिकॉर्ड डिजिटल रूप में होंगे,  जो आसानी से उपलब्ध रहेंगे।


 


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Content Editor

Harman

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