बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना पर रोक के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का किया रुख

5/12/2023 8:54:34 AM

 

नई दिल्ली/पटनाः बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना पर पटना उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। राज्य सरकार का तर्क है कि अगर इसे रोका गया तो ‘बहुत बड़ा' नुकसान होगा। राज्य सरकार ने 4 मई को पटना उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए स्थगन आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की है। सरकार ने कहा कि स्थगन से पूरी प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

बिहार सरकार ने तर्क दिया कि जातिगत जनगणना संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत सवैंधानिक रूप से अनिवार्य है। उल्लेखनीय है कि संविधान का अनुच्छेद 15 कहता है कि राज्य धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्म स्थान या अन्य आधारों पर किसी नागरिक के खिलाफ भेदभाव नहीं करेगा जबकि अनुच्छेद-16 के मुताबिक सभी नागरिकों को रोजगार या राज्य के अधीन किसी कार्यालय में नियुक्ति देने के मामले में समान अवसर प्रदान किया जाएगा। याचिका में कहा, ‘‘राज्य ने पहले ही कुछ जिलों में 80 प्रतिशत से अधिक सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया है और 10 प्रतिशत से भी कम काम लंबित है। पूरी मशीनरी जमीनी स्तर पर काम कर रही है। वाद पर अंतिम निर्णय आने तक पूरी प्रक्रिया को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए।'' याचिका के मुताबिक, ‘‘सर्वेक्षण प्रक्रिया पूरी करने में समय का अंतर होने पर पूरी प्रक्रिया पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि यह समसामायिक आंकड़ा नहीं है। आंकड़ों को एकत्र करने पर रोक से ही राज्य को भारी नुकसान होगा क्योंकि अंत में राज्य के निर्णय को कायम रखा जाता है तो उसे लॉजिस्टिक के साथ अतिरिक्त व्यय करना होगा, जिससे राजकोष पर बोझ पड़ेगा।''

गौरतलब है कि कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को तत्काल जाति आधारित सर्वेक्षण को रोकने का आदेश दिया था और यह सुनिश्चित करने को कहा था कि अबतक एकत्र किए गए आंकड़े सुरक्षित किए जाए और अंतिम आदेश आने तक उसे किसी से साझा नहीं किया जाए। मामले की अगली सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय ने 3 जुलाई की तारीख तय की है। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया हमारी राय है कि राज्य को जाति आधारित गणना करवाने का अधिकार नहीं है और जिस तरह से इसे अब प्रचारित किया जा रहा है वह जनगणना के बराबर प्रतीत होता है, जो संसद के अधिकार में अतिक्रमण होगा।'' उल्लेखनीय है कि बिहार में पहले चरण का जातिगत सर्वेक्षण 7 जनवरी से 21 जनवरी के बीच हुआ था और दूसरे चरण का सर्वेक्षण 15 अप्रैल को शुरू हुआ था, जिसे 15 मई तक संपन्न किया जाना था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Nitika

Recommended News

Related News

static