Bihar Railway Project 2025: 122 साल बाद बख्तियारपुर–राजगीर रूट में ऐतिहासिक बदलाव, दोहरीकरण के लिए फंड जारी
Sunday, Nov 16, 2025-08:13 PM (IST)
Bihar Railway Project 2025: बिहार के लिए बड़ी खुशखबरी है। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बख्तियारपुर–राजगीर रेलखंड के दोहरीकरण को मंजूरी मिल गई है। रेलवे मंत्रालय ने न सिर्फ प्रस्ताव पास किया बल्कि इसके लिए आवश्यक राशि भी जारी कर दी है। यह दोहरीकरण राजगीर से आगे तिलैया (नवादा) तक होगा, जिससे पटना, नालंदा, नवादा और शेखपुरा जिले के यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
ऐतिहासिक सफर: 1903 में मार्टिन लाइट रेलवे से हुई थी शुरुआत
इस रेलखंड का इतिहास काफी समृद्ध रहा है। ब्रिटिश शासन के दौरान वर्ष 1903 में मार्टिन लाइट रेलवे कंपनी ने बख्तियारपुर से बिहारशरीफ तक नैरोगेज लाइन डाली थी। उस समय यह क्षेत्र कृषि और व्यापार का बड़ा केंद्र हुआ करता था।
बाद में 1911 में यह नैरोगेज रेलवे लाइन नालंदा और सिलाव होते हुए राजगीर तक बढ़ा दी गई। राजगीर तब भी धार्मिक और पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण था, और रेल कनेक्टिविटी मिलने से इसका विकास तेजी से हुआ।
जगजीवन राम के कार्यकाल में हुई नैरोगेज से ब्रॉडगेज में रूपांतरण
आजादी के बाद इस रूट को राष्ट्रीय महत्व का माना गया। 1962 में तत्कालीन रेल मंत्री जगजीवन राम के समय नैरोगेज को ब्रॉड गेज में बदल दिया गया, जिससे इस मार्ग पर तेज रफ्तार और अधिक डिब्बों वाली ट्रेनें दौड़ने लगीं। राजगीर–पटना और गया–राजगीर के यात्रियों के लिए यह लाइन उस समय से ही बेहद महत्वपूर्ण रही है।
दोहरीकरण क्यों जरूरी? यात्रियों को बार-बार लेट ट्रेनों से मिल जाएगी राहत
समय के साथ इस रूट पर ट्रेनें बढ़ती गईं। राजगीर धार्मिक, पर्यटन, शिक्षा और खेलों का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बन चुका है। हर साल लाखों भारतीय और विदेशी पर्यटक यहां पहुंचते हैं। एकल लाइन होने की वजह से ट्रेनों के क्रॉसिंग में देरी होती थी, जिसके कारण यात्रियों को हमेशा लेट ट्रेन की समस्या से जूझना पड़ता था। अब दोहरीकरण होने के बाद ट्रेन संचालन तेज और सुचारू हो जाएगा।
Double Line से विकास को नई रफ्तार: मालगाड़ियों के परिचालन में बढ़ेगी तेजी
दोहरी लाइन बनने के बाद—
- रूट पर ट्रेनों की संख्या आसानी से बढ़ाई जा सकेगी
- क्रॉसिंग की समस्या खत्म होगी
- मालगाड़ियां बिना रुके चलेंगी
- क्षेत्रीय व्यापार और अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा होगा
स्थानीय लोगों के अनुसार नालंदा का पर्यटन उद्योग नई ऊंचाइयों तक पहुंच जाएगा। राजगीर, पावापुरी और नालंदा विश्व-धरोहर स्थलों तक पहुंचना और आसान होगा।
मंजूरी के बाद नालंदा–नवादा में खुशी की लहर
केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूरी और रेलवे से बजट जारी होने के बाद नालंदा और नवादा के लोगों में उत्साह है। दशकों से इस रेलखंड के दोहरीकरण की मांग हो रही थी, जो अब पूरी होने जा रही है।

