मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजना से बदल गई अजमेरी खातून की जिंदगी, अब पूरे परिवार का भविष्य संवार रही हैं दीदी
Tuesday, Jul 30, 2024-02:24 PM (IST)
पटना (विकास कुमार): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सतत जीविकोपार्जन योजना से बिहार की लाखों महिलाओं की जिंदगी में तब्दीली आई है। नीतीश सरकार की इसी योजना के दम पर सिवान की गोरियाकोठी प्रखंड की रहने वाली हरिहरपुर कला की रहने वाली अजमेरी खातून ने भी गरीबी के मकड़जाल को तोड़ दिया है।
अजमेरी खातून के उत्थान की प्रेरक कहानी
अजमेरी खातून की शादी आठ साल पहले सिवान जिला के गोरियाकोठी प्रखंड के हरिहरपुर कला गांव निवासी सलाउद्दीन हवारी के साथ हुई थी। उस समय उनके पति स्वस्थ और अच्छे थे लेकिन शादी के 4 साल बाद अचानक अजमेरी खातून के पति को लकवे की बीमारी लग गई। लकवे की वजह से सलाउद्दीन एक पैर से दिव्यांग हो गए और अपने दम पर कोई काम करने में असमर्थ हो गए। एक झटके में हंसते खेलते परिवार के सामने रोजी-रोटी का एक बड़ा संकट खड़ा हो गया। अजमेरी खातून के परिवार में पति-पत्नी के अलावा तीन बच्चे और बुजुर्ग सास ससुर भी हैं। जब घर में आमदनी का स्रोत बंद हो गया तब अजमेरी खातून को समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसी स्थिति में वह क्या करे और परिवार को कैसे चलाए। जैसे तैसे किसी के खेत में मजदूरी या दूसरे के घर में काम कर के अजमेरी खातून परिवार का गुजर बसर कर रही थी। हालात इतने बुरे थे कि अजमेरी खातून के परिवार को रात में कभी-कभी भूखा ही सोना पड़ता था। अजमेरी खातून के पास रहने के लिए अच्छा घर भी नहीं था और न ही कोई संपत्ति और खेती बाड़ी थी। ये कहना गलत नहीं होगा कि अजमेरी खातून और उनका परिवार गरीबी की मार झेल रहा था।
सतत जीविकोपार्जन योजना ने बदली अजमेरी खातून की जिंदगी
इसी बीच साल 2020 में एकता ग्राम संगठन के द्वारा सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत सीआरपी ड्राइव चला, जिसमें सीआरपी के द्वारा अजमेरी खातून का चयन सतत जीविकोपार्जन योजना में कर लिया गया। योजना में चयन होने के बाद अजमेरी खातून ने व्यवसाय के रूप में श्रृंगार का फेरी लिया। एकता ग्राम संगठन के द्वारा दीदी को 20 हजार रुपए का श्रृंगार का सामान मुहैया करवा दिया। साथ ही अजमेरी दीदी को एल.जी.एफ. का 7000 रुपया सात महीने तक दिया गया। वहीं विशेष निवेश निधि का 10000 रुपए की राशि भी अजमेरी खातून को नीतीश सरकार के तरफ से दी गई। शुरुआती दिन में दीदी श्रृंगार का फेरी करके परिवार का भरण पोषण करने लगी। थोड़ा-थोड़ा कर के अजमेरी दीदी ने कुछ पैसों की बचत की और उस पैसे से एक सिलाई मशीन खरीद ली क्योंकि दीदी को सिलाई का काम करना आता था। उन्होंने अपने पति को भी सिलाई का काम सिखा दिया और अपने पति से सिलाई का काम करवाने लगी।
फिर पति-पत्नी मिलकर कुछ और पैसे कमाने लगे और कुछ दिन बाद दीदी ने अपने दरवाजे पर एक छोटा सा किराने का दुकान भी खोल दिया।अब अजमेरी खातून के पास तीन तरह का व्यवसाय हो गया फिर कुछ और बचत करके दीदी ने 4 बकरी खरीद ली। आज दीदी के पास कुल 11 बकरी है। अजमेरी दीदी के पास श्रृंगार की फेरी, किराना दुकान, सिलाई मशीन, 11 बकरी तो है ही और इसके साथ ही दीदी बटाई पर खेती भी करती हैं। कभी दो वक्त के लिए रोजी रोटी को मोहताज अजमेरी खातून की कुल संपत्ति 1,17,804 रूपए हो गई है और उनकी मासिक आमदनी 10,000 से 12,000 रुपए हो गई है। आज अजमेरी दीदी अपने व्यवसाय से बहुत खुश हैं, दीदी ने पैसा कमा कर अपने लिए दो रूम का छोटा सा घर बनाया है और बेटी के लिए साइकिल भी खरीदी है। उन्होंने घर के लिए जरूरत का सामान भी ख़रीदा है। आज नीतीश सरकार की योजना की बदौलत अजमेरी दीदी और उनका परिवार बहुत खुशहाल हो गया है।
अजमेरी खातून के भविष्य की सोच
नीतीश सरकार की सतत जीविकोपार्जन योजना की बदौलत अजमेरी खातून एक सुनहरे भविष्य के बारे में सोचने लगी हैं। अजमेरी खातून का यह सपना है कि भविष्य में अपने पति के लिए एक बड़ा सा थोक बिक्री का किराना दुकान खोलना है। इसके अलावा दीदी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहती हैं ताकि आगे चलकर बच्चे जीवन में कुछ कर सकें।
साफ है कि नीतीश सरकार की सतत जीविकोपार्जन योजना ने अजमेरी खातून की जिंदगी को बदल दिया है। अजमेरी खातून की लगन ,मेहनत और त्याग की कहानी बिहार के लाखों गरीब महिलाओं को जिंदगी में हर वक्त सकारात्मक रहने की प्रेरणा दे रही है।