Edited By Ramanjot, Updated: 06 Apr, 2024 10:14 AM
मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में 2023 बैच के आईएएस अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा, ‘‘भारत को समानता के मुद्दे पर किसी से भी उपदेश लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम हमेशा इसमें विश्वास रखते हैं...
देहरादून: नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को पड़ोसी देशों में सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए एक राहत बताते हुए उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि भारत को इस मसले पर अन्य देशों से किसी उपदेश की जरूरत नहीं है। धनखड़ ने यह भी कहा कि सीएए को लेकर झूठी बातें और गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। सीएए को पिछले माह अधिसूचित किया गया था।
मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में 2023 बैच के आईएएस अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा, ‘‘भारत को समानता के मुद्दे पर किसी से भी उपदेश लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम हमेशा इसमें विश्वास रखते हैं ।'' उन्होंने कहा, ‘‘कुछ देशों में अभी तक महिला राष्ट्रपति नहीं हैं जबकि हमारे यहां ब्रिटेन से भी पहले महिला प्रधानमंत्री बन गई थी। अन्य देशों में उच्चतम न्यायालयों ने बिना महिला जज के 200 साल पूरे कर लिए जबकि हमारे यहां ऐसा हो चुका है।''
"CAA किसी भारतीय को उसकी नागरिकता से वंचित नहीं करता"
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सीएए न तो किसी भारतीय नागरिक को उसकी नागरिकता से वंचित करता है और न ही किसी को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से रोकता जैसा कि पहले होता था। उन्होंने कहा कि सीएए पड़ोसी देशों के उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता हासिल करने की सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पड़ोस में उनकी धार्मिक प्रतिबद्धता के कारण सताए गए लोगों को यह राहत, उपचारात्मक संबंध भेदभावपूर्ण कैसे हो सकता है?'' धनखड़ ने याद दिलाया कि सीएए उन्हीं लोगों पर लागू होता है जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में आए हों। उन्होंने कहा कि यह लोगों की आमद के लिए कोई ‘‘आमंत्रण नहीं'' है।