Bihar Politics: तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं प्रशांत किशोर, कहा- पार्टी का निर्णय हुआ तो...'
Friday, Mar 07, 2025-01:49 PM (IST)

Bihar Politics: जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने गुरुवार को स्वीकार किया कि यदि पार्टी तय करती है तो वह चुनाव जरूर लड़ेंगे, पार्टी का फैसला ही अंतिम फैसला होगा। जन सुराज उदघोष यात्रा के तहत बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी पहुंचे प्रशांत किशोर ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राघोपुर से किसी कार्यकर्ता ने चुनाव लड़ने के लिए उनके नाम से आवेदन किया है। बता दें कि राघोपुर से वर्तमान विधायक तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) हैं और राघोपुर लालू परिवार का गढ़ माना जाता है।
बिहार में शराबबंदी के नाम पर सिर्फ दुकानें बंद- Prashant Kishor
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि बिहार में शराबबंदी (Alcoholism) के नाम पर सिर्फ दुकानें बंद हैं, शराब नहीं, होम डिलीवरी की जा रही है। शराबबंदी से ही विकास होता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पूरे देश में शराबबंदी लागू कर देना चाहिए। कम से कम उत्तर प्रदेश में ही शराबबंदी लागू कर के देखे यह मिठाई सिर्फ बिहारवासियों को ही क्यों दिया जा रहा है। बिहार को हजार-लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा शराबबंदी के कारण और यह पैसा सिर्फ अधिकारियों, नेताओं और माफियाओं के हाथ में जा रहा है। जनसुराज के सूत्रधार ने कल्याणपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि देशभर का पैसा गुजरात में फैक्ट्रियों के लिए लगाया जा रहा है जबकि बिहार के युवा वहां मजदूरी करने को मजबूर हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे चार किलोग्राम अनाज के लालच में वोट देने की बजाय अपने बच्चों के भविष्य के लिए सोचें।
यदि बच्चों की चिंता करना सीखना है तो लालू जी से सीखिए- Prashant Kishor
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘यदि बच्चों की चिंता करना सीखना है तो लालू जी से सीखिए। उनका बेटा नौवीं पास नहीं है, फिर भी वे उसे मुख्यमंत्री बनाने में लगे हैं।'' उन्होंने सुराज की (Bihar Election 2025) सरकार बनने पर बुजुर्गों को 2,000 रुपए पेंशन, किसानों को मनरेगा से जोड़ने और बिहार में रोजगार के अवसर बढ़ाने का वादा किया और जनता से जात-पात से ऊपर उठकर नए राजनीतिक विकल्प के बारे में सोचने की अपील की।