Bihar Politics: "अतिपिछड़ा समाज RJD की परिवारवादी राजनीति के बहकावे में नहीं आने वाला", उमेश कुशवाहा का तीखा हमला

Friday, Jun 20, 2025-02:40 PM (IST)

Bihar Politics: बिहार जनता दल यूनाइटेड (JDU) अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा (Umesh Singh Kushwaha) ने कहा कि अतिपिछड़ा समाज राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की परिवारवादी राजनीति के बहकावे में आने वाला नही है। कुशवाहा ने गुरुवार को बयान जारी कर राजद पर तीखा हमला बोला। उन्होंने तंज कसते हुए राजद को राजनीतिक दल के बजाय एक ‘प्राइवेट लिमिटेड कंपनी' करार दिया, जिसका संपूर्ण स्वामित्व लालू परिवार के पास है और जिसका एकमात्र उद्देश्य केवल निजी हितों की पूर्ति है, जबकि अन्य नेता महज राजनीतिक मोहरे बनकर रह गए हैं।        

...हर चुनावी मौसम में दिखावे के रूप में उभरती है- Umesh Kushwaha
कुशवाहा ने कहा कि दलित, पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के प्रति राजद की कथित हमदर्दी केवल चुनावी अवसरवाद का हिस्सा है, जो हर चुनावी मौसम में दिखावे के रूप में उभरती है। जबकि सच्चाई यह है कि लालू-राबड़ी शासन के पंद्रह वर्षों में इन वर्गों की उपेक्षा और अनदेखी ही हुई है। उन्होंने दो टूक कहा कि अब बिहार की जनता, विशेषकर अतिपिछड़ा समाज, राजद की परिवारवादी राजनीति के बहकावे में नहीं आने वाला। जदयू नेता ने जोर देकर कहा कि बिहार में अतिपिछड़ा समाज के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सशक्तिकरण का श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है। बीते दो दशकों में उन्होंने शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के माध्यम से अतिपिछड़ों को वास्तविक भागीदारी दिलाई है, जिससे उनके जीवन स्तर में ऐतिहासिक सुधार हुआ है।      

कुशवाहा ने बताया कि सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए नीतीश कुमार ने वर्ष 2006 में राज्य अतिपिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया। उसी वर्ष पंचायती राज संस्थाओं में, और 2007 में नगर निकायों में आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई, जो सामाजिक न्याय के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुई। कुशवाहा ने कहा कि नीतीश सरकार द्वारा प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, अत्यंत पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना, जननायक कर्पूरी ठाकुर कल्याण छात्रावास योजना और मुख्यमंत्री पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग कौशल विकास योजना जैसी अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। वर्ष 2008-09 में पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण के लिये मात्र 42.17 करोड़ का बजट था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 18 अरब से अधिक हो गया है। यह परिवर्तन इस बात का ठोस प्रमाण है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में ‘सामाजिक न्याय' सिर्फ नारा नहीं, बल्कि धरातल पर साकार होने वाली सच्चाई है। 


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Content Editor

Swati Sharma

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