"यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है", विधायकों की नाराजगी पर चंपई सोरेन ने कहा- हमारा गठबंधन पूरी तरह से है मजबूत

2/18/2024 12:21:57 PM

Ranchi: झारखंड में कांग्रेस (Congress) के 4 विधायकों को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की सरकार में शामिल करने से नाराज पार्टी के 12 में से आठ विधायक बीते शनिवार की शाम दिल्ली पहुंचे। वहीं, बताया जा रहा है कि नाराज कांग्रेस विधायक बेंगलुरु जाने की तैयारी में हैं। नाराज कांग्रेस विधायकों को मनाने की कोशिशें तेज है। पार्टी आलाकमान से लेकर गठबंधन के नेता भी उन सभी को मनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।



"झारखंड में सियासी संकट की कोई बात नहीं है"
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भी बीते शनिवार को दिल्ली रवाना हुए। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि गठबंधन के नेता के रूप में हम मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे। कांग्रेस विधायकों की नाराजगी की अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम चंपई सोरेन ने कहा है कि यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। इस पर हम कुछ कहना नहीं चाहते हैं। झारखंड में सियासी संकट की बात कोई नहीं है। हमारा गठबंधन पूरी तरह से मजबूत है।



कैबिनेट विस्तार होने के बाद से ही कांग्रेस में छिड़ गया कलह
बता दें कि चंपई सोरेन सरकार के कैबिनेट विस्तार होने के बाद से ही कांग्रेस में कलह छिड़ गया है। कांग्रेस के 12 विधायक चंपई सोरेन की कैबिनेट विस्तार से नाखुश चल रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से सभी पुराने चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया गया, जिससे कई कांग्रेसी विधायक नाराज हो गए। नाराज कांग्रेस विधायकों का कहना है कि कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से जिन 4 लोगों को जगह मिली है, वे पूर्व की हेमंत सोरेन सरकार में भी मंत्री थे। इससे कांग्रेस के 12 विधायक नाराज हैं। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को दो-टूक कह दिया है कि कैबिनेट से इन चारों को हटाकर नए चेहरों को मंत्री नहीं बनाया गया तो वे विधानसभा के बजट सत्र का बहिष्कार करेंगे। नाराज विधायकों ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को एक पत्र भी सौंपा है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस के नाराज विधायक एक साथ राज्य से बाहर भी जा सकते हैं।



विधायकों ने चंपई सरकार के बजट सत्र में शामिल होने से किया इनकार
इन विधायकों का कहना है कि हेमंत सोरेन की सरकार में शामिल इन चारों मंत्रियों की परफॉर्मेंस बेहद खराब रही है। उन्होंने 4 साल में कभी पार्टी के दूसरे विधायकों की नहीं सुनी। कार्यकर्ताओं से दूरी बनाए रखी। इन्हें हटाने की मांग हेमंत सरकार के ही कार्यकाल से होती रही है, लेकिन अब फिर से बनी कैबिनेट में उन्हें जगह दी गई है, अगर बदलाव नहीं हुआ तो आगामी चुनावों में पार्टी को काफी नुकसान होगा। सभी कांग्रेस विधायकों ने चंपई सोरेन की सरकार के बजट सत्र में शामिल होने से इनकार कर दिया है।

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Khushi