बिहार की राजनीति में धनतंत्र-बाहुबल का जोर, तीसरे चरण में 31% कैंडिडेट्स के खिलाफ हैं criminal Case

11/6/2020 6:10:12 PM

 

पटनाः बिहार की राजनीति में धनकुबेरों और बाहुबलियों का बोलबाला है। एडीआर की रिपोर्ट से भी इस बात की पुष्टि होती है कि बिहार की राजनीति में अपराध और धनतंत्र के जाल में फंसी हुई नजर आ रही है।

बिहार के 15 जिलों में तीसरे चरण की 78 सीटों पर चुनाव सात नवंबर को होगा। इस चरण में 30 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं और 31 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। एडीआर के रिपोर्ट के मुताबिक तीसरे चरण में उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1 करोड़ 47 लाख करोड़ रुपए है और 24 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

बिहार इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने सोमवार को एक स्टडी रिपोर्ट में बड़ी अहम जानकारी दी है। तीसरे चरण की 78 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरे एक हजार एक सौ 95 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान कई जानकारी दी है। 9 उम्मीदवारों का शपथ पत्र स्पष्ट नहीं होने के कारण उन्हें अध्ययन में शामिल नहीं किया गया। इस रिपोर्ट के मुताबिक तीसरे चरण में 361 उम्मीदवार हैं करोड़पति बीजेपी के सर्वाधिक उम्मीदवार करोड़पति हैं।

इस रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के 34 कैंडिडेट में से 31 उम्मीदवार करोड़पति हैं, जबकि कांग्रेस के 25 में 17 उम्मीदवार हैं, यानी 68फीसदी कांग्रेसी उम्मीदवार करोड़पति हैं, तो आरजेडी के 44 में से 35 कैंडिडेट्स करोड़पति हैं। इस लिहाज से आरजेडी के 80 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। वहीं जेडीयू के 37 में 30 कैंडिडेट करोड़पति हैं, यानी तीसरे चरण में जेडीयू के 81 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं तो लोक जनशक्ति पार्टी के 42 में से 31 तो बीएसपी के 19 में से 10 उम्मीदवार करोड़पति हैं। वहीं, पार्टीवार उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति में कांग्रेस के 25 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2 करोड़ 57 लाख बताई जा रही है, तो जेडीयू के 37 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3 करोड़ 31 लाख रूपए है। वहीं आरजेडी के 44 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 4 करोड़ 79 लाख रुपए बताई गई है, तो लोजपा के 42 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3 करोड़ 14 लाख रुपए है। वहीं बीजेपी के 34 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3 करोड़ 86 रूपए है, तो बीएसपी के 19 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3 करोड़ 36 लाख रुपए है। इस लिहाज से तीसरे चरण में 30 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं, यानी बिहार की राजनीति में धनतंत्र का प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है।

बिहार के सबसे अमीर कैंडिडेट वारिसनगर से रालोसपा के उम्मीदवार बीके सिंह हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक बी के सिंह के पास 85 करोड़ 89 लाख की चल-अचल संपत्ति है, जबकि दूसरे स्थान पर आरजेड़ी के मोतिहारी से उम्मीदवार ओमप्रकाश चौधरी हैं, चौधरी के पास 45 करोड़ 37 लाख की संपत्ति है। वहीं तीसरे स्थान पर दरभंगा से निर्दलीय कैंडिडेट शंकर कुमार झा के पास 32 करोड़ 19 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति है। वहीं एडीआर के रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी और कांग्रेस के 76-76 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामला दर्ज है। तीसरे चरण में बीजेपी और कांग्रेस के 76- 76 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि आरजेडी के 73 फीसदी, लोजपा के 43 फीसदी, जेडीयू की 57 फीसदी और बसपा के 26 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

वहीं, बीजेपी के सर्वाधिक 65 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर अपराध के मामले दर्ज हैं। जबकि आरजेडी के 50 फीसदी, कांग्रेस के 56 फीसदी, लोजपा के 26 फीसदी, जदयू के 30 फीसदी और बसपा के 21 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर अपराध के मामले दर्ज हैं। इस लिहाज से 31 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। तीसरे चरण में चुनाव में उतरे 37 कैंडिडेट पर महिलाओं पर अत्याचार का मामला दर्ज है। 37 उम्मीदवारों ने इस चरण में महिलाओं के ऊपर अत्याचार से जुड़े मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। उनमें से पांच उम्मीदवारों पर तो बलात्कार जैसे जघन्य अपराध में शामिल होने का मामला भी दर्ज हैं। वहीं, 20 उम्मीदवारों पर हत्या के आरोप और 73 उम्मीदवारों ने हत्या की कोशिश के आरोपों की जानकारी दी है। तीसरे चरण में 78 में 72 निर्वाचन क्षेत्र संवेदनशील हैं, यानी तीसरे चरण की कुल 92 फीसदी सीट संवेदनशील क्षेत्र में आता है।

इस लिहाज से देखा जाए तो बिहार की राजनीति में धीरे-धीरे धनबल और बाहुबल का प्रभुत्व कायम हो गया है, जो लोकतांत्रिक राजनीति के लिहाज से कोई शुभ संकेत नहीं है।

Nitika