Tarapur Assembly By Election | तारापुर विधानसभा उपचुनाव: क्या JDU बचा पाएगी सीट या कोई और मार ले जाएगा बाजी

10/24/2021 4:19:21 PM

पटनाः बिहार के मुंगेर जिले के अंतर्गत तारापुर विधानसभा सीट पर साल 1951 में पहली बार चुनाव हुए। इस चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राय बासुकीनाथ ने जीत हासिल की थी। 1957 के चुनाव में भी कांग्रेस की टिकट पर राय बासुकीनाथ ने तारापुर से एक बार फिर जीत हासिल की थी।

1962 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की टिकट पर जयमंगल सिंह ने विरोधियों को मात दे दी थी तो 1967 में बीएन प्रशांत ने सोशलिस्ट पार्टी की टिकट पर जीत हासिल की। वहीं 1969 में तारापुर विधानसभा सीट से तारणी प्रसाद सिंह ने शोषित दल के टिकट पर जीत का परचम लहराया था। 1972 में तारणी प्रसाद सिंह ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की टिकट पर एक बार फिर जीत हासिल की। 1977 के विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी की टिकट पर कौशल्या देवी ने सभी विरोधियों को मात दे दी थी। वहीं 1980 में तारापुर सीट से सीपीआई कैंडिडेट नारायण यादव पर जीत हासिल की थी। 1985,1990,1995, 2000 और 2005 के विधानसभा चुनाव में तारापुर सीट पर शकुनी चौधरी ने अपना वर्चस्व बरकरार रखा था, हालांकि हर बार शकुनी चौधरी ने अलग अलग पार्टी से चुनाव लड़ा था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने जनता का भरोसा हासिल किया। 25 साल तक शकुनी चौघरी तारापुर सीट का प्रतिनिधित्व विधानसभा में करते रहे। 2010 में JDU की नीता चौधरी जीत हासिल करने में कामयाब रहीं। वहीं 2015 में जेडीयू कैंडिडेट मेवालाल चौधरी ने तारापुर में विधानसभा चुनाव जीत हासिल की थी।

2020 में मेवालाल चौधरी तारापुर से लगातार दूसरी बार विधायक बने और इस बार उन्हें शिक्षा मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई लेकिन विपक्ष के आरोप और हंगामे के कारण उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसी साल 19 अप्रैल 2021 को कोरोना की वजह से उनका निधन हो गया, जिसके बाद से यह सीट खाली है। अब इस सीट पर 30 अक्तूबर को उपचुनाव हो रहा है। दरअसल जदयू ने राजीव कुमार सिंह, राजद ने अरुण कुमार और कांग्रेस ने राजेश मिश्रा को तारापुर विधानसभा क्षेत्र के ही प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है जबकि लोजपा ने जमुई विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार पर अपना भरोसा जताया है। एक ओर जहां एनडीए के सभी घटक दल के नेता प्रत्याशी को जीताने की तैयारी में जुटे हुए हैं तो वहीं महागठबंधन के कांग्रेस और राजद ने अपने-अपने उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार दिया है। पिछले तीन दशक से कांग्रेस-राजद के साथ गठबंधन में है। राजद यहां से नए चेहरे को चुनाव मैदान में उतार कर इस सीट को अपने खाते में करने की जी जान से कोशिश कर रही है। वहीं दिवंगत रामविलास की लोजपा ने भी चुनाव मैदान में अपना प्रत्याशी उतारकर इस चुनाव को रोमांचक बना दिया है। ऐसे में इस बार इस सीट को JDU बचा पाने में कामयाब हो पाती है या नहीं। यह तो आने वाला चुनाव परिणाम ही बताएगा।

तारापुर विधानसभा सीट का अंकगणित
इस सीट पर अगर 17वीं विधानसभा चुनाव-2020 के आंकड़ों की बात करें तो कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 17 हजार 340 है। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 71 हजार 393, महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 45 हजार 939 और थर्ड जेंडर के 8 मतदाता हैं।

अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2020 के विधानसभा चुनाव में तारापुर सीट पर जेडीयू कैंडिडेट मेवालाल चौधरी ने जीत हासिल की थी। मेवालाल चौधरी ने राजद की दिव्या प्रकाश को 7 हजार 225 वोटों से हराया था। मेवालाल चौधरी को कुल 64 हजार 468 वोट मिले थे। वहीं दूसरे स्थान पर रही दिव्या प्रकाश को कुल 57 हजार 243 वोट मिले थे जबकि मीना देवी 11 हजार 264 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहीं थी।

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एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में तारापुर सीट पर जेडीयू कैंडिडेट एमएल चौधरी ने जीत हासिल की थी। एमएल चौधरी ने 66 हजार 411 वोट हासिल किया था। वहीं हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के कैंडिडेट शकुनी चौधरी को 54 हजार 464 वोट मिला था। इस तरह से जेडीयू कैंडिडेट एमएल चौधरी ने हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के कैंडिडेट शकुनी चौधरी को 11 हजार 947 वोट से हरा दिया था। वहीं तीसरे स्थान लोगों ने नोटा को वोट किया था। नोटा बटन पर 5 हजार 565 वोटरों ने मत दिया था।

एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2010 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जेडीयू कैंडिडेट नीता चौधरी ने जीत हासिल की थी। नीता चौधरी ने 44 हजार 582 वोट हासिल किया था। वहीं आरजेडी कैंडिडेट शकुनी चौधरी को 30 हजार 704 वोट मिले थे। इस तरह से जेडीयू कैंडिडेट नीता चौधरी ने आरजेडी कैंडिडेट शकुनी चौधरी को 13 हजार 878 वोट से हरा दिया था। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट संजय कुमार ने 18 हजार 282 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2005 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर आरजेडी कैंडिडेट शकुनी चौधरी ने जीत हासिल की थी। शकुनी चौधरी ने 32 हजार 828 वोट हासिल किया था जबकि जेडीयू कैंडिडेट राजीव कुमार सिंह को 32 हजार 217 वोट मिला था। इस तरह से शकुनी चौधरी ने राजीव कुमार सिंह को महज 611 वोट के मार्जिन से हरा दिया था। वहीं एलजेपी कैंडिडेट अनिल कुमार सिंह ने 8 हजार 908 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2005 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर आरजेडी कैंडिडेट शकुनी चौधरी ने जीत हासिल की थी। शकुनी चौधरी ने 32 हजार 828 वोट हासिल किया था, जबकि जेडीयू कैंडिडेट राजीव कुमार सिंह को 32 हजार 217 वोट मिला था। इस तरह से शकुनी चौधरी ने राजीव कुमार सिंह को महज 611 वोट के मार्जिन से हरा दिया था। वहीं एलजेपी कैंडिडेट अनिल कुमार सिंह ने 8 हजार 908 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

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Nitika