नवादा के लाल ने जेल में रहकर किया कमाल, JAM की परीक्षा में हासिल किया 54वां रैंक

3/25/2022 1:53:28 PM

 

नवादाः बिहार के नवादा जिले में इन दिनों एक युवक की खूब चर्चा हो रही है क्योंकि चर्चा का विषय भी इस बार अनोखा है। उसने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो अच्छे-अच्छे लोगों के भी बस की बात नहीं है।

चारदीवारी में बंद है घर का चिराग
देश के प्रतिष्ठित संस्था के द्वारा लिए जाने वाले जैम की परीक्षा में उसने देश में 54वां रैंक हासिल किया है। उसने घर से नहीं बल्कि जेल की चारदीवारी के भीतर रहकर परीक्षा को पास कर सफलता हासिल की है। हत्या मामले में जेल में बंद सूरज कुमार उर्फ कौशलेंद्र ने जेएएम 2022 में सफलता हासिल की है। इस वर्ष आईआईटी रुड़की द्वारा आयोजित इस परीक्षा में उसे 54वां आल इंडिया रैंक प्राप्त हुआ है। विचाराधीन बंदी सूरज वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मोसमा गांव का रहने वाला है और तकरीबन एक साल से एक हत्या मामले में जेल में बंद है। मंडल कारा नवादा में रहते हुए उसने कड़ी मेहनत व लगन से परीक्षा की तैयारी की। परीक्षा की तैयारी में जेल प्रशासन ने उसकी काफी मदद की।
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हत्या मामले में जेल में बंद हैं सूरज कुमार
वहीं परिजनों ने बताया कि सूरज कुमार शुरू से ही मेहनती था लेकिन एक विवाद ने उसे उलझाकर रख दिया। दरअसल, वारिसलीगंज के मोसमा गांव में रास्ता विवाद को लेकर 2 परिवारों के बीच जमकर मारपीट हुई थी। अप्रैल 2021 को हुई मारपीट में संजय यादव बुरी तरह जख्मी हो गए थे। इलाज के लिए पटना ले जाने के क्रम में उनकी मौत हो गई थी। तब मृतक के पिता बासो यादव ने सूरज, उसके पिता अर्जुन यादव सहित 9 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी।

सूरज सहित 4 लोगों को गिरफ्तार कर भेजा गया था जेल
19 अप्रैल 2021 को पुलिस ने सूरज सहित 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तब से सूरज जेल में बंद है। उसने यह परीक्षा पिछले साल भी पास की थी। उस साल उसका रैंक 34वां था, लेकिन कॉलेज में दाखिला लेने के पहले ही उसे मामले में फंसाया गया और उसे जेल हो गया। वो पूरी तरह निर्दोष है। इसलिए परिवार की यह गुहार है कि उसे बेगुनाह साबित किया जाए और उसकी प्रतिभा को देखते हुए उसे आगे बढ़ने का मौका दिया जाए।
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बेटे ने कीचड़ में रहकर कमल खिलाने का किया काम
परिवार के लोगों ने कहा कि हमारा बेटा देश के लिए एक अच्छा वैज्ञानिक बन सकता है लेकिन आज हमारा बेटा कीचड़ में रहकर भी कमल का फूल खिलाने का काम किया है। खुशी की तो घर में लहर है लेकिन अगर बेटा जेल में नहीं रहा तो इस खुशी के साथ हम लोग दीपावली भी मनाते हैं लेकिन आज हमारे घर में अंधेरा ही अंधेरा है।


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Nitika

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