दिल्ली पर केंद्र के अध्यादेश का रविशंकर प्रसाद ने किया बचाव, कहा- ''''पारदर्शिता और जवाबदेही'''' प्रक्रिया के लिए लाया गया अध्यादेश

Saturday, May 20, 2023-04:24 PM (IST)

पटनाः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि दिल्ली में अधिकारियों के तबादले और पदस्थापना के संबंध में केंद्र द्वारा लाया गया अध्यादेश ''पारदर्शिता और जवाबदेही'' सुनिश्चित करने के लिए है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने हाल के अपने संबंधित फैसले में ‘‘दिल्ली में प्रशासन के संबंध में किसी विशेष कानून की अनुपस्थिति'' का हवाला दिया था। 

प्रसाद ने कहा, ‘‘हमें अध्यादेश लाना पड़ा क्योंकि उच्चतम न्यायालय के फैसले के कुछ दिनों के भीतर दिल्ली सरकार ने 2010 बैच के आईएएस अधिकारी वाई के राजशेखर का तबादला कर दिया जो "शीशमहल" में अनियमितताओं की जांच कर रहे थे।'' प्रसाद का इशारा दिल्ली के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के नवीनीकरण पर भारी खर्च की ओर था। उन्होंने कहा कि अध्यादेश के अनुसार जो समिति अब इस तरह के तबादलों और पदस्थापना की सिफारिश करेगी उसकी अध्यक्षता अभी भी दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा की जाएगी। प्रसाद ने कहा, ‘‘दिल्ली भारत का दिल है। देश की राजधानी के रूप में पूरे देश का इस पर दावा है, जिसका दौरा अक्सर दुनिया भर के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। इसलिए हमें एक ऐसी प्रणाली की आवश्यकता थी जो स्थानांतरण और पदस्थापना में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कर सके।'' 

प्रसाद ने कहा, “राजशेखर दिल्ली जल बोर्ड में कथित अनियमितताओं की भी जांच कर रहे थे। न केवल उनका तबादला कर दिया गया बल्कि एक एनजीओ द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों पर उनके खिलाफ एक मामला भी दर्ज किया गया है।'' पूर्व कानून एवं न्याय मंत्री ने सचिव आशीष मोरे सहित दो "दलित आईएएस अधिकारियों" को कथित तौर पर डराने-धमकाने का भी मामला उठाया, जिन्होंने मंत्री सौरभ भारद्वाज के खिलाफ शिकायत करते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव और उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा है। भाजपा नेता प्रसाद ने कहा, "इसलिए, अध्यादेश लाना आवश्यक था जो अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा और ईमानदार लोगों की रक्षा भी करेगा।'' 


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Ramanjot

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