Purnia Assembly Seat: पूर्णिया विधानसभा सीट के पिछले नतीजे II Bihar Election 2020

10/28/2020 2:41:52 PM

पूर्णियाः बिहार का पूर्णिया विधानसभा सीट (Purnia Assembly Seat) पूर्णिया लोकसभा के तहत आता है। 1951 में ही पूर्णिया विधानसभा सीट अस्तित्व में आ गया था। 1951 में कांगेस की टिकट पर कमलदेव नारायण सिन्हा ने पूर्णिया सीट पर जीत हासिल की थी।

वहीं 1957 और 1962 के चुनाव में कमलदेव नारायण सिन्हा ने पूर्णिया सीट पर कांग्रेस (Congress) के कैंडिडेट के तौर पर जीत हासिल कर लिया था। 1967 और 1969 के विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में भी कांग्रेसी कैंडिडेट कमलदेव नारायण सिन्हा ने पूर्णिया सीट पर जीत का सिलसिला बरकरार रखा था। 1972 में यहां हुए विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में एनसीओ के टिकट पर एक बार फिर कमलदेव नारायण सिन्हा ने विरोधियों को मात दे दिया था लेकिन 1977 के चुनाव में पूर्णिया में जनता पार्टी (Janta Dal) के कैंडिडेट देवनाथ रॉय ने जनता का समर्थन हासिल कर लिया था।

वहीं 1980, 1985, 1990 और 1995 में सीपीएम (CPM) कैंडिडेट अजित सरकार ने किसी भी विरोधी दल के नेता को टिकने नहीं दिया था। 1998 के उपचुनाव में माधवी सरकार ने एजीपी (AGP) पार्टी के कैंडिडेट के तौर पर जीत हासिल किया था। 2000, 2005 और 2010 के विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में राजकिशोर केसरी ने बीजेपी (BJP) के कैंडिडेट के तौर पर लगातार जीत हासिल किया था। वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में बीजेपी (BJP) कैंडिडेट विजय खेमका ने सभी विरोधियों को मात दे दिया था।

विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2015 के विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में पूर्णिया सीट से बीजेपी _BJP) की टिकट पर विजय खेमका ने जीत हासिल की थी। विजय खेमका ने चुनाव में 92 हजार 20 वोट हासिल किया था। वहीं कांग्रेस (Congress) की कैंडिडेट इंदु सिन्हा को 59 हजार 205 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से विजय खेमका ने इंदु सिन्हा को 32 हजार 815 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट रामचरित्र यादव, 7 हजार 614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहा था।

विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2010 के विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में पूर्णिया सीट से बीजेपी की टिकट पर राजकिशोर केसरी ने जीत हासिल की थी। राजकिशोर केसरी ने चुनाव में 54 हजार 605 वोट हासिल किया था। वहीं कांग्रेसी कैंडिडेट रामचरित्र यादव ने 39 हजार 6 वोट हासिल किया था। इस तरह से राजकिशोर केसरी ने रामचरित्र यादव को 15 हजार 599 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं सीपीएम (CPM) कैंडिडेट अमित कुमार ने 23 हजार 61 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

विधानसभा चुनाव 2005 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2005 के विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में पूर्णिया सीट से बीजेपी (BJP) की टिकट पर राजकिशोर केसरी ने जीत हासिल की थी। राजकिशोर केसरी ने चुनाव में 46 हजार 841 वोट हासिल किया थाष। वहीं आरजेडी (BJP) कैंडिडेट रामचरित्र यादव को 30 हजार 262 वोट मिले थे। इस तरह से राजकिशोर केसरी ने रामचरित्र यादव को 16 हजार 579 वोट से हरा दिया था। वहीं एलजेपी (LJP) कैंडिडेट इरशाद अहमद खान, 21 हजार 577 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

2020 के विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में यहां महागठबंधन और एनडीए (NDA) के बीच मुकाबला होगा लेकिन जीत तो उसी पार्टी के कैंडिडेट को मिलेगी जिस पर जनता ज्यादा से ज्यादा भरोसा करेगी

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