"चोर-दलालों को सत्ता की चाबी सौंप देंगे तो पेपर लीक नहीं होगा तो क्या होगा?" शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले पर बोले पीके

3/22/2024 11:47:09 AM

पटना (अभिषेक कुमार सिंह): जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने BPSC शिक्षक भर्ती पेपर लीक को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गलती हम लोगों की है, जो चोर-दलालों को सत्ता की चाबी सौंप दी हैं। आज बिहार में सबसे ज्यादा परीक्षार्थी परेशान हैं, जो सालों से मेहनत करने के बाद भी सही से परीक्षा भी नहीं दे पा रहे हैं। 

"बिहार में किसान परेशान"
पीके ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आज बिहार में किसान परेशान हैं। इससे ज्यादा परीक्षार्थी परेशान हैं, जो सालों से मेहनत करने के बाद भी सही से परीक्षा भी नहीं दे पा रहे हैं। बिहार में शायद ही ऐसी कोई परीक्षा हो जिस पर कोई सवाल खड़ा नहीं हो रहा हो। बीते दिन हमने देखा बीपीएससी का पेपर लीक हो गया। हर बार ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि सत्ता में बैठे लोग और बड़े आदमी पहले से ही मिलीभगत कर ले रहे हैं। आज गरीब को ऐसी परिस्थतियों में डाल दिया गया है कि उनको इस मुसीबत से निकलने का रास्ता नहीं दिख रहा है। 

"बिहार को सुधारने मंगल ग्रह से नहीं आएंगे लोग" 
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में पहले ही 50 नेता दल बना कर बैठे हैं। आज जो भी नेता आता है, वह दल बना कर बैठ जाता है। वह सोचते हैं कि हम हैं आपके नेता और हमारे बाद हमारा बेटा नेता होगा। यह जानते हुए भी कि ऐसे दल न कभी आपका भला कर सकते हैं, न भला सोच सकते हैं। जनता भी सब जानते हुए उन्हें वोट देती है। अगर यही हाल रहा तो बिहार की आने वाली पीढ़ी की जिंदगी इसी बदहाली और गरीबी में बीत जाएगी। बिहार को कोई सुधार सकता है, तो वह खुद बिहार के लोग हैं। बिहार को सुधारने के लिए मंगल ग्रह से लोग नहीं आएंगे। 

"लालू-नीतीश के राज में ध्वस्त हो चुकी है शिक्षा व्यवस्था" 
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आज लालू जी का बेटा दसवीं भी पास नहीं किया है और उनको चिंता है कि मेरा बेटा मुख्यमंत्री कैसे बन जाए। बिहार की जनता जात और धर्म में ही उलझी रह जाती है। लालू-नीतीश के राज में पूरे बिहार की शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। पिल्लू लगे खिचड़ी स्कूल में बच्चों को बांटा जा रहा है और उसको खा कर आपका बच्चा कलक्टर नहीं बनेगा। अगर यही स्थिति रही तो मजदूरी के अलावा आपका बच्चा कुछ नहीं करेगा।

Content Writer

Ramanjot