जीतनराम मांझी की फिसली जुबान, बोले- 'पंडित@#$%... आते हैं, कहते हैं खाएंगे नहीं, बस नगद दे दीजिए'
12/19/2021 1:34:11 PM
पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने ब्राह्मणों के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है। उन्होंने कहा कि 'पंडित @#$%... आते हैं, कहते हैं खाएंगे नहीं आपके यहां, बस नगद दे दीजिए'। वहीं मांझी के इस बयान के बाद से जहां एक तरफ भाजपा भड़की हुई दिखाई दे रही है, वहीं दूसरी तरफ जदयू दुखी है। '
जीतनराम मांझी ने कहा कि "आज कल हमारे गरीब तबके में धर्म की परायणता ज्यादा आ रही है। सत्य नारायण पूजा का नाम हम नहीं जानते थे लेकिन @#$%... अब हम लोगों के हर टोला में उनकी पूजा हो रही है। पंडित @#$%... आते हैं और कहते हैं कि हम खाएंगे नहीं, हमको नगद ही दे दीजिए।" मांझी अपने इस बयान के बाद से विवादों में घिर गए हैं।
Koo Appअटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकारों तक में मंत्री रहे स्वर्गीय राम विलास पासवान ने लंबे समय तक दलितों की सेवा की, लेकिन ऊँची जातियों के विरुद्ध उन्होंने कभी अपशब्द नहीं कहे। किसी समुदाय-विशेष का हितैषी होने के लिए दूसरों को आहत करना कोई लोकतांत्रिक आचरण नहीं है।- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 19 Dec 2021
Koo Appभारतीय संस्कृति का भाव वसुधैव कुटुम्बकम व विविधता में एकता का है। मानवजाति में प्रेम, एकता, सौहार्द और भाईचारा हमारी दुनिया को खुबसूरत और प्रेममय बनाता है। जिसमें समस्त विश्व का कल्याण निहित है। आप सभी को अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 20 Dec 2021
वहीं मांझी के इस बयान पर भाजपा के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, 'जीतन राम मांझी सठिया गए हैं। इस बयान को लेकर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे। साथ ही जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस बयान को काफी दुखद बताया है। बता दें कि इससे पहले 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री ने सवर्णों को विदेशी बताया था।