Manjhi Assembly Seat: मांझी विधानसभा सीट के पिछले नतीजे II Bihar Election 2020

10/24/2020 1:53:03 PM

पटनाः बिहार का मांझी विधानसभा सीट (Manjhi Assembly Seat) महाराजगंज लोकसभा के तहत आता है। 1951 में ही मांझी सीट अस्तित्व में आ गया था।

1951 में इस सीट पर हुए पहले विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में कांग्रेस (Congress) के कैंडिडेट गिरीश तिवारी ने जीत हासिल की थी। वहीं 1957 और 1962 में हुए चुनाव में भी मांझी सीट पर कांग्रेसी कैंडिडेट गिरीश तिवारी ने जीत का सिलसिला बरकरार रखा था। 1967 में हुए चुनाव में यहां से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट आर बी सिंह ने कांग्रेस (Congress) को मात देने में कामयाबी हासिल की थी।

1969 में मांझी सीट पर कांग्रेसी कैंडिडेट रामेश्वर दत्त शर्मा ने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को मात दे दिया था। वहीं 1972 में एसओपी (SOP) पार्टी के कैंडिडेट राम बहादूर सिंह ने मांझी सीट से जीत हासिल कर ली थी। 1977 में भी राम बहादूर सिंह ने जनता पार्टी की टिकट पर जीत का सिलसिला बरकरार रखा था। 1980 में एक बार फिर कांग्रेसी कैंडिडेट रामेश्वर दत्त शर्मा ने मांझी की जनता का भरोसा जीत लिया था। 1985 में निर्दलीय कैंडिडेट बुद्धन प्रसाद यादव ने मांझी सीट पर सभी विरोधियों को हरा दिया था। 1990 में जनता दल के कैंडिडेट हजारी सिंह ने मांझी सीट पर जीत हासिल किया था।

1995 में एक बार फिर बुद्धन प्रसाद यादव ने कांग्रेस (Congress) के कैंडिडेट के तौर पर यहां से जनता का समर्थन हासिल किया था। वहीं 2000 में निर्दलीय कैंडिडेट रविंद्र नाथ मिश्रा मांझी सीट पर सभी विरोधियों को हराने में कामयाब रहे थे। 2005 और 2010 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में जेडीयू (JDU) कैंडिडेट गौतम सिंह ने मांझी सीट पर लगातार दो बार जीत हासिल की थी तो 2015 में मांझी सीट पर कांग्रेसी कैंडिडेट विजय शंकर दुबे ने जीत का परचम लहरा दिया था।

विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2015 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में मांझी सीट से कांग्रेसी कैंडिडेट विजय शंकर दुबे ने जीत हासिल की थी। विजय शंकर दुबे ने चुनाव में 29 हजार 558 वोट हासिल किया था। वहीं एलजेपी (LJP) कैंडिडेट केशव सिंह को 20 हजार 692 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से विजय शंकर दुबे ने केशव सिंह को 8 हजार 866 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं सीपीआई (CPI) कैंडिडेट सत्येंद्र यादव 17 हजार 803 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2010 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में मांझी सीट से जेडीयू (JDU) कैंडिडेट गौतम सिंह ने जीत हासिल की थी। गौतम सिंह ने चुनाव में 28 हजार 687 वोट हासिल किया था। वहीं आरजेडी (RJD) कैंडिडेट हेम नारायण सिंह ने 20 हजार 783 वोट हासिल किया था। इस तरह से गौतम सिंह ने हेमनारायण सिंह को 7 हजार 904 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट रविन्द्रनाथ मिश्रा 8 हजार 423 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

विधानसभा चुनाव 2005 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2005 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में मांझी सीट से जेडीयू (JDU) कैंडिडेट गौतम सिंह ने जीत हासिल की थी। गौतम सिंह ने चुनाव में 38 हजार 2 वोट हासिल किया था। वहीं कांग्रेस (Congress) कैंडिडेट रवीन्द्र नाथ मिश्रा ने चुनाव में 36 हजार 622 वोट हासिल किया था। इस तरह से गौतम सिंह ने रवीन्द्र नाथ मिश्रा को 1 हजार 380 वोट के कम अंतर से हरा दिया था। वहीं एलजेपी (LJP) कैंडिडेट साकेत कुमार सिंह 3 हजार 171 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।

2020 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में यहां महागठबंधन (Mahagathbandhan) और एनडीए (NDA) के बीच कड़ा मुकाबला होगा। अब चुनावी नतीजे ही बताएंगे कि इस बार के चुनाव में कौन किस पर भारी पड़ेगा।

Ramanjot