Koo App ने अपनाई ''स्वैच्छिक आचार संहिता’, बढ़ाएगा चुनावी कानूनों और कार्यप्रणाली के प्रति यूजर्स का भरोसा
1/13/2022 8:56:04 PM
• माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने दिखाई स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के प्रति प्रतिबद्धता
• यूजर्स की सुरक्षा के लिए शिकायत निवारण को दी जाएगी प्राथमिकता
राष्ट्रीय 2022: सोशल मीडिया पर आगामी चुनावों से संबंधित चर्चा को सुरक्षित रखने की दिशा में एक कदम उठाते हुए देश के पहले माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo App ने 'स्वैच्छिक आचार संहिता' को अपनाया है। पहली बार 2019 आम चुनाव से पहले इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) द्वारा निर्मित स्वैच्छिक आचार संहिता भारत निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत की गई थी। यह आचार संहिता चुनावों के दौरान सोशल मीडिया के निष्पक्ष और नैतिक इस्तेमाल के लिए है। उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में फरवरी और मार्च 2022 के बीच होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले आचार संहिता को अपनाकर, Koo App यूजर्स को एक जिम्मेदार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए सुरक्षित और निष्पक्ष चुनाव के लिए अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन देता है।
भारतीयों को अपनी मातृभाषा में खुद को अभिव्यक्ति का अधिकार देने वाला मेड-इन-इंडिया प्लेटफॉर्म चुनावी आचार संहिता के किसी भी उल्लंघन को सीमित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करेगा। Koo App यूजर्स को सूचित और शिक्षित करने के साथ ही चुनावी कानूनों और कार्यप्रणाली में उनका भरोसा बढ़ाएगा।
एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मंच के रूप में Koo App के पास एक विशेष रूप से निर्मित शिकायत निवारण प्रकोष्ठ है, जो निर्धारित समय में समाधान की सुविधा प्रदान करता है, यूजर्स को अपमानजनक और द्वेषपूर्ण सामग्री से बचाता है और जिम्मेदार ऑनलाइन व्यवहार को बढ़ावा देताहै। यूजर्स को 10 भाषाओं में विचार पेश करने में सक्षम बनाने वाला यह बहुभाषी मंच इस अनुपालन नीति को लागू करने वाला पहला भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म था और नियमित रूप से प्रचलित नियामक दिशा-निर्देशों के मुताबिक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के साथ नियमों के तहत असंगत सामग्री को सक्रिय रूप से नियंत्रित करता है।
इस संबंध में Koo App के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, “आज, सोशल मीडिया लोगों के जीवन में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।यह लोगों को चुनावी प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करने के साथ-साथ उन्हेंफैसला लेने में प्रभावित करने में सहायक हो सकता है। एक निष्पक्ष, पारदर्शीऔरविश्वसनीयसोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में Koo App, IAMAI द्वारा बनाई गई स्वैच्छिक आचार संहिता के शब्दों और भावना के प्रति समर्पितहै; और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की दिशा में काम करेगा, जो किसी भी लोकतंत्र की पहचान है। इस वर्ग में हमारा सर्वोत्त म अनुपालन और शिकायत निवारण तंत्र यूजर्स को अपने विचार व्यक्त करने और अपनी पसंद की भाषा में अपने समुदायों से जुड़ने के लिए एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण प्रदान करेगा। Koo App हमारे यूजर्स को एक सुरक्षित और भाषा का व्यापक अनुभव प्रदान करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और व्यावहारिक समाधानों की पहचान करने की कोशिश करता है।"
कू के बारे में
Koo App की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंगप्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके। भारतीय भाषाओं में अभिव्यक्ति के लिए एक अनोखे मंच के रूपमें Koo App भारतीयों को हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में खुद को ऑनलाइन अभिव्यक्त करने में सक्षम बनाता है। भारत में, जहां 10% से अधिक लोग अंग्रेजी में बातचीत नहीं करते हैं, Koo App भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्तिके लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है। मंच की एक अद्भुत विशेषता अनुवादकी है, जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयलटाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है, जो यूजर्स की पहुंच को बढ़ाता है और प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता तेज़ करता है। प्लेटफॉर्म ने हाल ही में 2 करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर छुआ है और अगले एक साल में 10 करोड़ डाउनलोड तक पहुंचने कीओर अग्रसर है।राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के मशहूर लोग द्वारा अपनी मूलभाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का लाभ उठाते हैं।